विदेशी कपड़े का मुक़ाबला कैसे किया जाय ? | Videshi Kapade Ka Mukabala Kaise Kiya Jay ?
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
158
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ ग
रुपया रह गया जब कि १९२९-३० में ५९० छाख रुपया.
था। यह एक वर्ष से यसय ४९% की कमी हुई।
( देखिए नकृशा सं० ९, पृष्ठ ७३ ) ।
[
| हिन्दुस्थान को विदेश से जितना कपड़ा आता है
है उसमें संयुक्त-राज्य का भाग १९३०-३१ में घट कर
नकशा सं० ७५८% हो गया, जब कि १९२९-३० में बह भाग ६७५५१
च॒ ८ में वृद्धि था) देखिए नक्शा सं० ७ प्रष्ठ ६६) ! जीर जापान का
भाग २९.३१ से वद् कर १९३०-३१ मं ३६.११८ हे
गया । इससे धकर षोता है क्रं निखिदा मार के विष्कार
को कुछ सफलता मिली। परिसाण में संयुक्त राज्य से
१९२९-३० में १९४५० लाख गज़ তা आया
किन्तु १९३०-३४ स घटकर केबल ५५३० लाख হা
काया; और, जापान से ५६२० लाख गज़ से घटकर
३२१० लाखगज आया (देखिए नक॒शा सं० ८, ए८ ६८)॥
१९२९-३० के लिए भारतीय रुई की फसट का
अन्दाज ५२ लाख गाँठ का था, परन्तु ५९३०-३९ की
पैरा ३० ( पुष्ठे फ़्लछ का अन्दाजु ४८ छा गांठ का हुआ। भारतीय
५३) मे बुद्धिः मिलों में भारतीय कच्ची रुई की सपत ६९२९-२० की
२२४८ लाख गांठों से बद कर १९३०-३१ में २२९६५.
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