शुतुरमुर्ग | Shuturmurg
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
416 KB
कुल पष्ठ :
80
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हैं । इनको अपनो सोमाएं है । वह दाद दूये ह कि षह
हमारी सीमाओंका ज्ञान न हो 1
झआापणमन्त्री ; फिर हमारी चुस््तो और मुस्तेदो भी कुछ कम नहीं; गत
वर्षकी राजाज्ञाके बादसे तो हम समूहोंकों भोड़में बदछतेका
कार्य भी सफलताके साथ करने लगे हैँ !
शाजा + पह तो ठोक है छेकिल राजमहलके सामने खड्ा हुआ यह
समूह--इसका बन्त बयों नहीं हुआ ?
आाषणमल्त्री ; महाराज हमारे प्रयासे कोई ढील नती, लेकिन बुरा हो
उत्त विरोधीकालबग | इघर हमने समूहौको মীন
बदला और उधर उसने भीडकों फिर समूहमें बदल
दिया। महाराज, अदुभूत “तेज है इस विरोधोलालकी
बाणीमें 1
राजा + विरोधौछाल ! ऐसा रूगता हैं मह नाम पहले भी कभो
सुना है।
महामन्त्री : पदा भी दोगा, महाराज ! राजनंतिक व्याकरण पढ़ते
सप्रप पद् नाम प्रायः জান্তা ই?
বাসা + [ भाषणमन्त्रोसे ] विरोधोलालका पूरा परिचय ?
भआपणमन्त्री : वह हत बचे-शूचे समूहोंका नेता है महाराज, और आपकी
होतियोंका घोर दातरु $
राजा 2 { सवयं ] हमारो नीतियोक! पोर एतु ? महाम्ी,
धृतुरतगरीके सदसे बड़े सत्यवादोत़्ो हैँसियतसे बतला*
इए--जया हमारो कोई नोठियाँ ই?
भमन्द्रो 5 ुतुरतगरोके एक्माज सत्यवादीकी हैसियतते में जो कुछ
कड्ढेंटा, सच कट्टैगा, पूरा सच फ्ट्रेणा और सचके सिवा कुछ
मे कहुँगा । महाराजकों सिर्फ एक नौति है (विराम) कि
नरी कोई तोति मरी!
हतर
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