अध्यात्मतत्त्वलोक | Adhyatamttawalokh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
32 MB
कुल पष्ठ :
1002
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्रीयुत मोतीचंद झवेरचंद म्हेता- Shri Motichand Jhaverchand Mheta
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)द ददद् ह धनवती वक
८
নু
८६
कम
क
कर
পরী
[0
৬
क
क
सावेमौम-सिदान्तः।
श्रोमहावी र-प्रवचनम ।
पूरिसा ! सचममेव समभिजाणाहि |
सघरुप आणाए से उबद्विए मेहावी मारं तरह ” ।
( आचारांगसूत्रम | )
पभ दोसे निराकशा न विस्सेज्ज केणइ ।
मणसा वयसा चेव कायसा चेव अतसो ॥
( सूत्रक्ृतांगसूत्रम | )
पगर्ट सश्ंसि घिति कुब्मह |
एत्थोवरए मेहावी सव्वं पावकरम्म झोसह ” ॥
( आचारांगसूत्रम् | )
अप्पणा सचमेसेज्जा मित्ति भुएसु कप्पए ”।
( उत्तराध्ययनसत्रम् । )
आसंबरो य सेयंवरो य बुद्धो य अहव अभो वा।
समभावमावियस्पा छ मोक्सं न संदेहो ” ॥
শি রা ५९ 177; তি টি 7 १
00
(44414414 114. 4
८ महावीरमक्त-जेनाचायैः । ) পিং
User Reviews
No Reviews | Add Yours...