चिड़ियाघर | Chidiyaghar
श्रेणी : कहानियाँ / Stories
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
177
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
पद्मसिंह शर्मा - Padmsingh Sharma
No Information available about पद्मसिंह शर्मा - Padmsingh Sharma
हरि शंकर शर्मा - Hari Shankar Sharma
No Information available about हरि शंकर शर्मा - Hari Shankar Sharma
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चिड़ियाघर
चहचहाता 'किडियाकरः
सप्र के सुखमय संसार मे, विश्व के विचित्र अद्भुतालय
'की--वारिज्य-विल्ास, शिल्प-शाला, धर्म-धास, समाज-सदन,
राजनीति-निकेतन, अकिश्नन-कुटीर, मजदूर-मब्ज्जिल आदि-
संस्थाएँ देखते देखते, जब जी ऊब उठा, तो अपने राम सीधे
साहित्योद्यान की ओर सिधारे, और सोचने लेंगे कि चलो, इस
शुष्कवाद के जलहीन जलाशय से निकल कर सरसता के सुन्द्र
सरोवर में स्नान करे; मक्कड़ता के भाड़्-खण्डो को भाड़ कर
सहृदयता के सुखद सुमनो की सुगन्ध सूंघें। रहा । सादित्योयान
का सुहावना द्वार देखने ही योग्य था। उसकी सुन्दर सुषमा
का विशद वणन करते के लिए, कवि-कुल-कैरव-कलाधर कालि-
दास की वरद वाणी चाद्ये । क्या पूछते हो ? साहित्योय्यान
का दिव्य द्वार देख कर अपने राम चित्र लिखे-से रह गए,
आँखें ठगी-सी ठिठक रही ! चित्त चुपके-से चिपक गया !! पेरो
ने आगे वढने से इनकार कर दिया। इतने ही मे उद्यान का
अधिकारी आकर बोला--
^“ देखना है, तो आगे वदो, नरी तो दरवाजा वन्द
होता है |”
मैंने कहा--“ फीस ? »
চি
User Reviews
No Reviews | Add Yours...