हिन्दी - गद्य - निर्माता | Hindi - Gadya - Nirmata
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
25 MB
कुल पष्ठ :
121
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)किया जा सकता है। पर वास्तव में ऐसी बात नहीं है। शैत्नी
के अध्ययन के लिए काव्य, नाटक, उपन्यास आदि उपयुक्त.
नहीं रहते। काव्य की रचना करते समय ल्ैखक को छन्द के
बन्धनो से बँधकर चलना पड़ता है ओर वह स्व॒तन्त्र रूप से
स्वरुचि के अनुसार भाषा का प्रयोग नहीं कर पाता। नाठक
ओर उपन्यासों में लेखक को अनेक पात्नों के माध्यम से बोलना
पड़ता है। वह पात्रों की दशा और स्थिति के अनुकूल ही भाषाः
का प्रयोग करता ढहे। अतः नाटक और उपन्यास के लेखक को
भाषा के प्रयोग में पूरी स्वतन्त्रता नहीं रहती ।
शैली को समने अर जानने के लिए निबन्ध, जीबनियाँ,
यात्रा-वर्णन आदि ही श्रेष्ठ साधन हैं । इन्हें लिखते समय
लेखक घर किसी प्रकार का कोई प्रतिबन्ध नहीं रहता | हिन्दी
के प्रसिद्ध लेखक प्रतापनारायण मिश्र, बालकृष्ण भट, रासचन्द्र
शुक्र, पद्म किहं शमा, श्यामसुन्दर दास आदि अपने निबन्धो
के लिए ही प्रसिद्ध हैं ।
किसी भी लेखक के लिए उस्रकी शेली का विशेष महत्व
होता है । उसके जो भाव ओर विचार होते हैँ, उनमें नवीनता
ओर मोलिकता हो सकती है, परन्तु उसकी कुशलता तथा
सफल्नता बहुत कुछ इसी बात पर निभर रहती है कि वह
उन भावों ओर विचारों को किस रूप में पाठकों के सामने
रखता है हिन्दी के कड प्रसिद्ध लेखकों--प्रतापनारायश॥ सिश्र
तथा बालकृष्ण मह्न हमे कोड बहुत नवीन श्नौरः मौलिक
विचार नहीं दिए हैं, उन्होंने बहुत ही सामान्य विषयों पर
लिखा है ओर उनके सम्बन्ध में हमें वे ही विचार दिए हैं
जो प्रायः हम सभी के मस्तिष्क में आते हैं या आ सकते हैं ।
परन्तु वन्होंने उन विचारों को इस रूप में रखा है कि हमर
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