बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों के छात्र - छात्रायों की राजनैतिक चेतना का समाजशास्त्रीय अध्ययन | Bundelakhand Vishvavadyalay Se Sambaddh Mahavidyalayon Ke Chhatra - Chhatraayon Ki Rajanaitik Chetana Ka Samaj Shastriy Adhyayan

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Bundelakhand Vishvavadyalay Se Sambaddh Mahavidyalayon Ke Chhatra - Chhatraayon Ki Rajanaitik Chetana Ka Samaj Shastriy Adhyayan by एस॰ एस॰ गुप्ता - S. S. Gupta

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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“छात्राओं में पडा है जिसके कारण आज अनेक छाक्र/छात्राओं ने अपने कदम आगे बढाये हैं। भारतीय समाज में आर्थिक एवं सामाजिक विषमता अन्य साधनो कौ तुलना में बहुत कुछ अधिक है भौगोलिक दृष्टि से भी यहां अनेक विषमता दिखाई देती है ऊंच नीच जाति के स्तरो पर ही नही मानव समाज विभाजित है बल्कि शिक्षित प्रशिक्षित, धनवान.नगरीय, ग्रामीण জিলা-2 प्रकार के समूहो मे विभक्त है। भौगोलिक एव परिस्थितिक दृष्टि से नगरीय लोगो का भी विभाजन महानगरीय, नगरीय उपनगरीय एवं कस्बे के रूप मे दिखायी पडता है दूसरी ओर नगर ओर ग्राम के रूप मे भी मानव समुदाय विभक्त दिखाई पडता है ओर यही नही सभ्य ओर जंगल में बसे हुये आदिवासी के रूप मे भी विभक्त है राजनीतिक प्रभावकारिता अधिक है तो वहाँ राजनैतिक चेतना भी अधिक दिखाई पड॒ती है इसके विपरीत जहां पर विकास कौ किरण पूर्णतया नही पहुची है, वहा राजनीतिक प्रभावकारिता एवं चतना अपेक्षा कृत कम दिखाई पडती है विश्व के आज अनेक देशो मे देखा जा रहा है कि जिस देश जाति के लोग अल्प संख्यक के रूप मे पाये जाते है सामूहिकता भावना उनम परस्पर अधिक दिखलायी पडती है क्योकि उने सदेव भय भावना बनी रहती है उन्हे एक जुट हो कर रहना आवश्यक क्योकि समूह मे भी या भीड मे व्यक्ति अपने को अधिक शक्तिशाली समने लगता है। भरले कौ अपेक्षा तथा व्यक्ति साथ ही साथ समूह मे रहकर वह असम्भव कार्य भी सम्भव कर सकता है। इसलिए प्रत्येक राष्ट्रीय नागरिक को राष्ट्रीय राजनीतिक के विषय লী सचेत रहना चाहिये जिससे हमारे समाज का विकास हो और हमें तथा समाज को आगे बढने का मौका मिले। वास्तविक रूप यह विषय राजनीतिक समाज शास्त्र से सम्बन्धित हे।




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