काव्य कमल | Kavya Kamal
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
406 MB
कुल पष्ठ :
166
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १७ )
देते थे | कहा जाता है कि गोस््वामी तुलसीदास जी से भी इनकी
घनिष्ठता थी ।
इनका जन्म संवत् १६१० में हुआ । ये अ्रकवर के दरवार के रों
में थे और इतिहास-प्रसिद्ध बैरमर्ख़ाँ के पुत्र ये।ये अकबर के मंत्री,
सेनापति और किर जद्ँगीर के भी सेनापति रदे ।
इनकी कविताओं का संग्रह “रहोमरत्नावली' के नाम से छुपा है ।
भूषण
भूषण का नाम वीररस के कवियों में बढ़े अभिमान के साथ लिया
जाता है। ये छत्रपति शिवाजी के राजकवि थे और उनके साथ युद्धों
में भी सम्मिलित होते ये । इस कवि के दिन्टू-गोरव का श्रत्यन्त श्रभि-
मान था ओर हिन्दुत्व के नाम पर इनके हृदय में जो तरंगें उठती
थी उन्हीं की लहर इनको समस्त कविता मे दिखाई देती है । देश की
स्वाधीनता ঈ उपासको का गुणगान इस कवि ने वद़े उत्साद से
किया । महेवा के छुत्रसाल पर केवल दस छुन्द लिखे हैं पर वे हो क्रितने
ओ्रोजपूर्ण हैं | इनकी कविता के पढ़ते-पढ़ते बीरों की छाती फूल उठती
और भुजदंड फड़कने लगते हैं। भूषण सचमुच राष्ट्रीय कवि थे ।
इनका जन्म संवत् १६७० में तिकर्वापुर (कानपुर) में हुआ था।
इनके पिता का नाम रल्नाकर त्रिपाठी था श्रोर इनके छोटे भाई मतिराम
थे, जो ब्रज-भाषा के सुप्रसिद्ध कवि थे | इन्दोने संवत् १७७२ मे इस
लोक से प्रस्थान किया ।
इनके ग्रन्य--शिवराजभूपण, शिवब्रावनी और छत्नसालदशक हैं ।
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
भारतेन्दु दरिश्चन्द्र हिन्दी के युगप्रवत्तक ঘ। इन्होंने कविता के
श्ज्ञार की गली से निकाल कर राष्रीयता की ओर मोड़ दिया । काव्य,
का० २
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