श्री दशवैकालिकसूत्रम भाग - 2 | Shri Dashavaikalik Sutram Bhag-2
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
360
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about मुनिश्री समीरमल्ल जी - Munishri Samiramall Ji
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[५]
घिरावरवणर थातुर्भास--
जेशवरनण० श्री स धनी, जागरुसरी पिन दी थवाथी थ २००२ चु यातुर्भास
बेरावश्नणर यथु.. क्षीणदीथी वढ़चाणु. यीटी, झुरेन्द्रनणर वियरीने ब्वेयवरनभर
गातुर्भय भरे সখ আলি খপ] শুনি छ३-७३ हदिननी. भाटी तप-
चयौ 5री. णद्धारना धशीनार्बीजे'ने। भानपसायर ठश्टी पडये। ब्लेशपरनभर श्री
~था मपे घण॥ एत्साड्थी जावेत वियट भानव समुद्यर्तु घणुलरट रपीथी সর
गत् इरी, गौर् श्रा शयु ग्न चमते श्र ब्वेशवन्तणर सचे श्री हुवे भय!
२२ ममितिन, ৬৭1৬5 ভিন আসন এ উতর লসবেণ।
०९ भड्ल्वनी मिटींण शे8 शातिक्षा; भगणदहामलाधना अभुणपलु. भराणी
ग्रश्ची६० भाडेण शप्जोीदर आर्यभा ३५ ५८ ००) पाय इब्दरनी सजावत ब्व॑डे? धरी
सते तेन-८ रीति श्रा उद्र मष्ट तेभ गीव्बगाओे शाखोद्धार ६७
सभूछ णनावषा शुणु परश्रिम दीपरेष
श्री यास सुणदाल, श्री इन्णय दसा अरीयापीनाना, नी ৭৭ मस
क्षण, श्री. ब्श्यय इसाछ नायप्रावाणा, श्री नरेतभद्यभ ओधरलाएं जाहि ৪8৯ ৭২৭৩1৯)
श्री शे§ मह्न रतन, 2) ০6850 भणनशध्षाक्षणाए पष्कीक्ष सुरेन्द्रनभर, श्री
ধর ६ गाधी, श्री सवाएश्षाव, श्री ৭16 31415 এছ बढवाणुना शुरू
न्येोशे समितिनी मिटींगभा ছুটি বইও আই ট এস व्वेशपण्नभर श्री
सचे समितिनी সি সু আগুপ্রুগ। এপ जरी साप केने भटे समे!
51545
चढबाणुनिवाथी नणरशे३ जु जालाए पेशयीना परिजान्वाणा शाड भापीणंडेन
২2814) येऽ श्र अलान्डन 065 श्री अवेन्येन जाहिणि আখ,
सरन्न, ब्ोशपरनथण्मा शासयोद्धार ६ उनी क्षृद्धिमा शपूर्व परिश्रम क्षण जमाग
এন মঠ जाध्ये। तेथी भमिति ते प्डेनाने। जामार भाने छे
২৭০৭৩ थातुर्भाय पछी पृत्त्यश्री जुध्ाणय ६१० मझारा? আয
पधाया साद्य मेये र्यी पन्यम जा প্রমথ पधायां त्वा बाड़े ৭৫
0.९2 साया थं धान् पधाया स्या प सनिथ्ी ३१16 मखा (मिग
পথ) त्ा त्या शे আহহ] अस्मन्नय सुराततसनि तेभ शस्त छे
ইসি ওল आर्यमा पूरे। सडयेथ समाप्या
भरणी, सवनी तरथी तेर आ्पशेवु डष्युटेशन थातुर्भायती विचती धरवा
আই स्पन्यु भने तेमनी विनती स्वीश्नरी यातुमाम् अर्णा अयच्यु
धानय वाझनेर पधायां बाझनेर 2] সখি पूं मना कनी আআ
খুন আট भारणी परधाएर्या,
User Reviews
No Reviews | Add Yours...