प्रयोगवादोत्तर हिन्दी - काव्य के व्यंग्य का स्वरूप विकास | Prayogvadottar Hindi Kavya Ke Vyangya Ka Swaroop Vikas
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
37 MB
कुल पष्ठ :
515
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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गिलबर्द हाइट भी ' सेटायर ' शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द ' सैतुरा ' से मानते
हे, परन्तु उसका अर्थ परनिदा के रूपमे न करके भिन्न रूपमे करते है -----
“ सेटायर का नामकरण लैटिन शब्द ' सैतुरा ' के आधार पर हुआ है, जिसका अर्थ
प्रारम्भिक तौर पर ' परिपूर्ण, ' होता है । पुन यह पूर्ण, विरोधी चीजों का मिश्रण देता है ।
ऐसा लगता है कि यह भोजन सम्बन्धी शब्दावली का अग रहा है ।
ग्रीक भे प्रचलित ' सैटिर ' | 55८०४ | शब्द से भी इसे, सम्बद्ध किया गया है,
पर अधिकाशत इसका निषेध ही हुआ है । गिलबर्द हाइट के शब्दों मे -----
इस नाम का कोई सम्बन्ध ' सैटिर ' कहे जाने वाले रोएँदार , अशत मानवीय,
अशत पाशविक, व्यवहार मे प्राय बकरे जैसे रूक्ष, असभ्य ग्रीक प्राणियों. से नहीं है । “
'सेटायर' शब्द का सम्बन्ध ' सैटरस ' नामक विचित्र जन्तु से भी माना जाता है -
“ व्यंग्य | सेटायर | का नामकरण सैटरस जैसे विचित्र जन्तु से किया गया है । लिवोन्ड्ाइनिक्स
नामक व्यक्ति ने सर्वप्रथम इसको प्ररष्कृत करके दृश्य - काव्य के रूप मे प्रस्तुत किया । यह
एक यूनानी गुलाम था । इसने नाटकों भे व्यंग्य का प्रयोग किया ।*
इस प्रकार ' सेटायर ' शब्द की उत्पत्ति एवं उसके साहित्यिक रूप के पीछे 'सैतुरा'
के परनिदा वाले अर्थ, के साथ ही ' सर्टरस ' जैसे विचित्र जन्तु की प्रेरणा तथा पूर्ण विरोधी
चीजों के मिश्रण के अर्थ, में भोजन सम्बन्धी किसी शब्द के रूप मे प्रयुक्त अर्थ से उसका
सम्बन्ध जोड़ा जाता है । अत ' सेटायर ' शब्द के उद्भव के विषय में भी मतभेद है, परन्तु
इन संभीअर्थो। भे व्यग्य की प्रकृति से कुछ न कुछ साम्य अवश्य दृष्टिगत होता है ।
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3. हिन्दी नाटय साहित्य में हास्य - व्यंग्य - डॉ0 सभापति मिश्र, प्र0 - 36
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