उर्दू काव्य की एक नई धारा | Urduu Kaavya Ki Naee Dhara
श्रेणी : पत्रकारिता / Journalism
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
279
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कतील शफ़ाई
( ४ 9)
ক্সনলান त
बहती वर्यां
शाम
सुबह # ४६
२६ जनवरी , १६३० को याद में
दानी स
माजन चला गया
भरा ट्पट्रा
पायल मेगा दो
इक चोद गया इक चार आया
सावन की घटाएं
ग्रादल वरस
पायल লাল
না নারী कर्ती समार
दाता की देन
मरे पी तो था गए
९० .पंडित इन्द्रजीत शमां
व ती रूढ गये
नैया है ममधार
भिल्लाप्रेम की
तोता
मूल आई रो
जागी का गीत
सावन बीता जाए
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