कुमारी कमल कुमारी गोइन्दी | Kumari Kamal Kumari Goindi
श्रेणी : भाषण / Speech
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
74 MB
कुल पष्ठ :
148
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)~... [षः
माननीय अध्यक्ष महोदय, में आपको आज्ञा से, मंत्री महोदय ने जो प्रस्ताव
रखा है, उसका समर्थन करती हूँ । जहाँ तक तरक्की का प्रश्न है, आप चारों तरफ
देख सकते हैं कि सड़कों का निर्माण हो रहा है'। जौनसारन्बावर की तरफभी जाइये तो
. आप देखेंगे कि पहाड़ी इलाकों में पत्थर कट रहे हैं और सड़कों का निर्माण हो रहा
है। अगर आपको जंगल में मंगल बनाती हुई सडक देखनी रै, तो दुद्धी की तरफ
आप जा सकते हैं| इससे मालूम होगा कि यातायात में किस तरह से तरक्की हुई ই
लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि पूरी तरक्की हो गई है 1
मैं थोड़े से समय में कुछ सुझाव देना चाहती हूँ । पहला सुकाव यह है कि
जरा गाँव की तरफ देखें, इलाहाबाद का लो नाम ही नहीं लिया गया, करछना की
तरफ एक-एक गाँव आप देखें तो आपको वहाँ पर देखने को मिलेगा कि गाँव के
लोगो ने सारे रासते जोत सखे है, साधारण जाने का रास्ता तक नहीं है । मेरा सुझाव
है कि सरकार सर्वे कराये ओर साधारण मार्ग जरूर छोड़ दिये जांय, ताकि जनता
वहां तक आसानी से पहुँच सके, सड़कों का डिमारकेशन हो जाय। इसके अलावा
सभापतियों को यह सुझाव दिया जाय कि इन डिमारकेटेड सड़कों के दोनों तरफ पेड़
लगवा लें, जिससे रास्ता अच्छा हो जाय। इसके अलावा रास्ते में जो ऊँची नीची
জবাই पड़ती हैं, उसके लिये सभापतियों से कह दिया जाय कि वे लोग इसको बराबर
करवाये | अगर थोड़ा बहुत सरकार को खां भी देना पड़े, तो दिया जाय |
(इस समय ३ बजकर १८ सिनट पर श्री उपाध्यक्ष पुनः पीठासीन हुये)
लेकिन सबसे ददनाक हालत उन गांवों को है, जो नालों के किनारे बसे हुये
हैं। मेरी कांस्टीट्युएंसी करछना में कंजासा इत्यादि अनेकों गांव इस तरीके से बसे हुये
हैं कि अ्रगर उनके साधारण जीवन को देखा जाय तो आपको सालूम होगा कि किस
तरह से वहां के लोग अपना जीवन व्यतीत करते है । श्रगर को$ बीमार हो जाता है,
.. तो-डाक्टर का पहुँचना मुश्किल है, और न वह हो ले जाया जा सकता है। वहां के
. बच्चे स्कूल जाते हैं, तो बरसात में उन नालों को पार करके नहीं जा सकते हैं, कभी
. कमी तो ऐसे केसेज हो जाते हैं कि बच्चे बह जाते हैं। इसीलिए मेरा निवेदन है कि
श इने जगहो पर छोटे-छोटे पुल बनवाने का सभ्कार कष्ट क्रे श्रौरजो बड़ी-बड़ी `
.. बोजनायें हैं, उनमें से कुछ पैसा निकाल कर इनको पूरा किया जाय | ऐसी जगहों पर
শিলা का काम भो होना मुश्किल हे, क्योंकि निर्माण का सामान तक नहीं पहुँच
व
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