संगीत रत्न प्रकाश [भाग-5] | Sageet Ratn Prakash [Bhag-5]
श्रेणी : अन्य / Others
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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संख्या टंक
८० लीजो छध जगन
११० लगी जिन की जगदीश
१४१ लगजा नाव परलीपार०
२२७ लग गया डे सुदता”
२२६ खली। यह फेणी दें ढु०
र६४ लुट गया न पूँजी হা”
३१४ लग्न श्िखेने मै कऋखर०
४६६ लुटर्डा नेन का
४६४ खानत ९ दे तठ॒ुम्द रड[०
४४० लड़कपन दी में जो ख*
१५५२ ल्ाषौ कन्या करं द°
४७० खेती दुख मरी उसास5
८१ लिखा चद मे गविधान०
५ च | পি
४७ चह निराकार कशस्ताश०
४४ चैदिक घम खी जीर
८ चैदिक घमे का किएती०
१०४ चिंएवय पाते के ध्यान
११४ चर्दाक्क उन अपना०
१४९. वत के जान में इन्लान०
१८६ चेदों को जब पढेगे०
२०८ জী दी तेएघालक ज० ,
२५४ लार जब ऋरती थी०
२४७ बद्दो का प्रचार जबसे?
२६३ चेदिक धरम पे. प्यारों०
४०३ द् तज पोपा न° ,.
४४१ चह, पुरुष मुद्दा नादान०
४५७४ वह पुरुष गहय अज्लान०
४२२९ विद्या ०ढ़न पढ़ाने प्०
४६६८ लदे'क चमे गाद् म०
६१३ वेदौ का डंका आलम०
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मज्जनः | सख्या
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হল क्क्ल तेरी लखी एक°
ट्ष भजन
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চপল
२६ शरण पढ़! हूं में ते०
२२१ शोदेरश अपना धा
३६९ शि्चादे री. नी दम
३५६ श्राराम चन क चलन०
४५४१ शोक हिन्दू काम पर०
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४४ स्ाचिचद्ानन्द रक्षाकऋरा०
४६ सब दुखों का मूह ६०
७६ खत्ता तुम्दारो भसगवन०
सुनो जगदीश अब० `
६० खारी दुनिया म ₹श्वरर०
१२६. सारी शयु वीती जा०
१३४ मीची दे रद प्रम् कार
१४० खसमिरन करले मेरे
१४८ सवे मिल ईश्वर के०
१५३ सौदा पान लदेला० -
१६० खाथ रही शिश्ना जब०
१६४ सत्त हो भरावा 'का०
१८० सद्। तुम कर्ते रद्रा
२२१ कच बंदा আয কুন
२६२ साच दसय अपने मन०
२७९६ सदा ऋत के लिये गर
२८१ सोना कोड् करे अबते०
२८२. सत्ये म्म पर क्रद्भ
३११ संनि वालि न जागे० `
३१६ सत मत ाडिया ৩
३३३ स्वाम्रा दयानन्द् 1119
३६३ सम्गतन धूमे का डका०
३६५ सव पे महष जं! क1०
३६७ सोरे भारतवष् मे श्व
ইও खुनों प्यारी ऋड तुम र्थ०
३७७ सिया दख वन ৮০৪
ইওল হনে অর কয অন্ন से०
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