हिंदुई साहित्य का इतिहास | Hindui Sahitya Ka Itihas

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Hindui Sahitya Ka Itihas by डॉ लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय - Dr. Lakshisagar Varshney

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[ डः ] ८. पेरिस का राजकीय पुस्तकालय ६. ईस्ट इंडिया हाउस का पुस्तकालय ८ इंडिया ऑफ़िस' लाइब्रेरी ) १०. मुहम्मद बख्श खाँ का पुस्तकालय ११. ट्यबिनगेन का पुस्तकालय १२. लीड का पुस्तकालय १३. रॉयल एशियाटिक सोसायटी का पुस्तकालय १४. टीपू का संग्रह १४. फ़ोटे विलियम कॉलेज का पुस्तकालय १६. किंग्स कॉलेज ( केम्त्रिज ) का पुस्तकालय हिन्दी साहित्य के विद्वानों ने इस समस्त. सामग्री और संग्रहों से कहाँ तक लाभ उठाया है, यह विचारणीय है । >< >< | >< रज से तीन वषं पूवे भने तासी के भन्थसे हिन्दुई-अंश का अनुवाद करना प्रारम्भ किया था। धीरे-धीरे वह पूर्ण हुआ अब एक सो चोदह वध बाद हिन्दी साहित्य के इस ऐतिहासिक महत्व से पूणे आदि इतिदास-मन्थ को विद्वानों के सामने रखते हुए मुझे स्वाभाविक प्रसन्नता हो रही है । पुस्तक-प्रकाशन की स्वीकृति और सुविधा के लिए में हिन्दु-- स्‍तानी एकेडेमी के मंत्री श्री डॉ० धीरेन्द्र जी ब्मो एमू० ए०,. डी० लिट० ( पेरिस ) ओर श्री रामचन्द्र जी टण्डन, एमू० ए० एल०-एल० बी० का आभारी हूँ। अनवाद करते समय तालिकाएँ तैयार करने तथा इसी प्रकार के अन्य कर्यो में श्रीमती राज वाष्णय बी० ए० ने जो सहायता पहुँचाई है वह भी किसी प्रकार कमः नहीं हे।.




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