इंग्लैण्ड जापान एवं रूस का आर्थिक विकास | England Japan Avam Russe Ka Aarthik Vikas

England Japan Avam Russe Ka Aarthik Vikas by डॉ के० ऐ० चोपड़ा - Dr K. A. Chopra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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औद्योगिक त्न्ति और उसके प्रभाव 19 वेकारी फैल जारी यी । कहने का आशय यह है कि श्रौयोगिक दान्ति ने अनेक पिक सामाजिक समस्थामो को जन्म दिया जिनमे आज भी समाज का शक बड़ा कमं पौच्ठिरै। (8) धमिकों की कुछलता पर प्रमाव--ओऔद्योगिक त्रानति चे वहुत से थमिको की कुशलता में हास हुआ 1 उतकी उत्पादन-शक्ति मे कमी झाई । पहले वे सम्पूर्ण वस्तु स्वय बनाते थे, जेकित श्रव भ्रम-विनाजन के कारण वस्तु का एक भाग ही बनाने लगे । अतः उनकी कुशलता पहले जैसी नही सही । (9) दृकअशा--भौद्योगिक क्रान्ति ने टूक-प्रया (पल 89909) को भी प्रोत्याहन दिया । प्राय. श्रमिक्तों को उतके वेतन का मुगवान वस्तुओं के रूप में क्या जाते लगा जो कुछ बचत मी था उससे उन्हे उद्योगपतियों हारा छोती गई बूकानों प्ले ही सामान खरीददा पड़ता था 1 परजौपतियो कौ नौति देसी पी भिरे फलस्वरूप श्रमिणों की सम्पूर्ण श्राय व्यय हो बातो थी और उत्त पर कर्जा चढ़ जाता था। इप्च रियति मे बहुत आगे चलकर सुधार होने लगा । (10) पारिवारिक जवन मे ह्वास--प्रौयोगिक क्रोम्ति ने श्रभिको के दारिवारिकि रीन को नारकीय वना दिया । श्रमिक अ्धिकाँश समय कारखातो भे विताने वमे मनोर शृत प्रदरा प्रगे परिवार ते बहू परपिक समय तक दूर নি মি । घर लौटने पर भी अतिधय थकान के कारण उठे प्रोते के भ्रतिरिक्त कुछ नही सूभता या | इस सव दातो से श्रमिको फा पारिवारिक जोवन भ्रत्त्वनव्यस्त हो गया। कुछ सेहको का मत है कि कारयाता-प्रणाल्री का पारिवारिक जीवत पर प्रच्छा प्रभ्ाय पड़ा व्योष श्रमिक नियमित एप से काम करने के अस्यस्य हो राए जिससे उनका सैत्िक उत्थान दपा (11) ক্যারি चेतना फा विकास--श्रोमठी नोल्स वी मान्यदा है कि ^ दि फ न्व राज्य क्रान्ति ने वंपक्तिक स्वलन््ना श्रौर समानता का पाड पढाया तो ब्रिटिश श्रौदोगिक तारि ने चंयक्तिक स्वतन्त्रता य कियाल्मके उग्योयं यत्वं कना द्विया) श्रौयोगिक कान्ति ने दानान्तर ঈ গ্রমিক্টা স মণওন-ঘজি হা विकास भिव चिते भन्ठनोगसयो री मामारिक चेतदा पँदा हुई जिसने व्यक्ति के सम्मान शोर ডি अधिकारों की सफ्लत्पूदंक মাধ জী [নিকষ মম ছন্দ ঈ নিত ओौद्योगिक क्रान्ति के राजदीनिक प्रशाव श्रत्ते महत्त्वपूर्ण ओर दुस्‍्वामी हुए ( 18दी एरान के मन्य तक ब्रिटिश ससद में केदल भिषतियों का ही प्रभाव या, लेबित औद्योगिक झ्ति के कारण छोटे नगरो भर गांवों हार लोक्सझा परे प्रतितिधि भेजने বাধ্য ঘর ননী কী प्रतिनिधित्व देने জী দান जोर पकने लगी। आगे चलकर ससदीय सुधार को इश माँग की ভাজা नही की जा उकी। ओद्योचिक कान्दि ने ऐसा दावावरण হাহ ক বিমা ছি: পিটিয়ে सरकार




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