आर्य्यधर्म्म शिक्षा | Aaryyadharmm Shiksha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
94
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १३ )
ज्योति बचे; खाद्य ॥२॥ ज्योतिः षयः घ्या ज्योतिः
खाहा ॥३॥ ओं सजर्देवेन सवित्रा सजुरुषसेन्द्रवत्या
जषाणः धर्यो वेतु खहा ॥४॥
सायंकाल के मन्त्र
ओं अभ्निर्ज्योति ज्योतिरग्निः खाद्य ॥१॥ ओं अग्नि
তু
त
वर्चो ज्योति बैच्चः खाहाः ॥२॥ ओं अग्नि जयोति
रप्रि! खाहा ॥३॥
इस तीसरे मन्त्र को मन से उच्चारण कर आइति देवे |
ओ सजूदेवन सवित्रा सज़ूरात्यन्द्रवत्या जुषाणा
अश्रिरवेतु खाहा ॥४॥ कि
पातः साये कं मन्त्र
ओं भूरभ्रये प्राणाय আহা इदमभ्रये प्राणाय इदन्न
मम ॥१॥ ओं युवत्रायवेऽ पानाय खाहा । इदं वायवेऽपा-
नाय इदन्न मम ॥२।॥ स्वरादित्याय व्यानाय खहा।
इदमादित्याय व्यानाय इदन्न मम ॥३॥ ओं भूझेवः ख
रग्निवाय्वादित्यस्यः प्राणापानन्यनेम्य व्यानेभ्य इदन्न
मम ॥४॥ ओं आपो ज्योतीरसो उम्र ब्रह्म भूयः स्वरो
खाहा ॥५॥ ओं यां मेधां देवगणाः पिरथी पासेत तया
मा मद्य मेधयाग्ने मेधाविनं कुरु खाहा ॥६॥
ओं विश्वानि देव° ओर अग्ने नय सुपथा० इन दोनों
मन्त्रो से पक २ श्राहुति देवे।
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