ज्ञान - वाटिका | Gyaan Vaatika
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm, साहित्य / Literature
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
262
श्रेणी :
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No Information available about पं० चैनसुखदास न्यायतीर्थ - Pandit Chainsukhdas Nyayteerth
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ज्ञान-बादिका
प्रथम कलिका
हम कोन है ? कहाँ से आये हैँ. ? कहो जायेंगे ? यह जगत
হ্যা ই? हमें क्या करना चाहिए ! हमारा आचार विचार कैसा
होना चाहिए ?
“आचार्य श्री तुलसी”?
ये वे प्रश्न हैं जो हर एक आस्तिक व्यक्ति के मन मे उथल
श (৬০ [ब সি
पुथल मचाये बिना नहीं रहते। वस इसी चिन्तन मे लीन
এ ৬২ এ ও < 3९ ५
व्याक्त सहसा कह उठता है, “मे हू ढ़ रहा हूँ, में क्या हूँ पर
पता नहीं पाया में क्या हूँ”, प्रस्तुत उपक्रम इसी की खोज
मात्र है।
प्रश्न १--मैं कोन हूँ ९
उत्तर-मे' आत्मा हूँ ।
प्रश्न २--आत्मा किसे कहते हूँ
उत्तर--ज्ञान द्श न मय शाश्वत द्रव्य को आत्मा कहते हैं।
भले ही ओँखों से आत्मा दिखलाई न दे फिर भी यह जो बोलने
वाला, खट्टामीठा बताने बाला ओर आत्मा का विधि-सिपेध करने
वाला है, वही आत्मा है | जिसे मैं” और “मेरा” इस प्रकार का
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