सोवियत कजाखस्तान | Soviyat Kajakhastan

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Soviyat Kajakhastan by प. अलम्पियेव-Pandit Alampiyev

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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इसी कारण उन्हें “हूदनीं भ्रल्ताई” कहा जांतों हैं। ধন ६,५०० फुट त्क की ऊचांई के ढाल पेड़ो से, भ्रधिकतर॑ लाचे पेडो से, ढके हुए हैं। जगलो के क्षेत्र के ऊपर अलपाइन भर सब-अलपाइन चरागाहौ की एक पट्टी है। यहा हिम-पट्टी ७,५००-८, ००० फूठ की ऊचाई पर मिलती है। चीनी सीमा पर, पूर्वी कजाखस्तान की पवेतश्वेणि्याँ लगातार एक दीवार के रूप में चली गईं है। बीच बीच में कुछ ऐसे भी मागे है জী कजाखरस्तान से सीघे सिन्क्याग तक जाते है) इनमे से सबसे उपयोगी है-जुगार द्वार जो जुगार अलाताऊ और बारलिक पवेतश्रेणियौ (चीन क्षेत्र में) के बीच में है। पुराने जमाने और मध्य काल में यहाँ के बजारे अ्रपने पशुओं को इसी रास्ते मध्य एशिया से कजाखस्तान और पूर्व युरोप में ले जाया करते थे। कजाखस्तान के पहाडी प्रदेश मे ग्रीष्मकालीन चरागाहो की ৬ बहुतायत है और इसीलिए वे पशुपालन के लिये बडे महत्वपूर्ण है। नमी को घनीभूत करने में इन पहाड़ी प्रदेशों का बहुत बड़ा हाथ है। पहाडियो के ढालो पर काफी पानी बरसता है और गर्मियों मे ग्लैशियरो के पिधलने से অন ९५




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