स्वतन्त्रता संघर्ष में जौनपुर जनपद की भूमिका | Swatantrata Sangharsha Men Jaunapur Janapad Ki Bhoomika

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Book Image : स्वतन्त्रता संघर्ष में जौनपुर जनपद की भूमिका  - Swatantrata Sangharsha Men Jaunapur Janapad Ki Bhoomika

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जौनपुर की ऐतिहासिकता प्राचीन जौनपुर से, सम्बन्धित ऐतिहासिक साक्ष्य अभी पर्यात्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं । जहाँ तक लिखित सामग्री का प्रश्न है जौनपुर की वही स्थिति है जो. प्राचीन भारत की है । किन्तु साक्ष्यों के आधार पर यही कहा जा सकता है कि जहाँ आज जौनपुर शहर हैं, प्राचीनकाल भं वहीं गोमती के किनारे एक नगरी आबाद थी, किन्तु उसके नामकरण के विषय में विद्वानों में मतभेद हैं । नामकरण जौनपुर नाम स्थापित होने से पहले इसके कई अन्य नाम रखे, जा चुके थे. ओर उन नामों से. आज का जौनपुर बहुत प्राचीनकाल से ही विख्यात रहा । इसका एक प्राचीन नाम 'यमद्ग्निपुरा' था, जो प्रसिद्ध ऋषि एवं सप्तर्षियों में से एक ऋषि यमदरिन के नाम पर आधारित है । ऋषि यमदगिन वर्तमान जमइथा नामक स्थान पर निवास करते थे , जो, जफराबाद और जौनपुर के बीच में गोमती नदी के तट पर स्थित हैं । उनकी तपस्थली के अवशेष आज भी इस स्थान पर विद्यमान ह 120 प्राचीन जौनपुर का एक नाम यवनेन्दपुर' भी था। हरिवंश पराण भे 'यवनेन्दपुर' का उल्लेख है । यवनेन्दपुर शब्द की ध्वनि यवनं से भी सम्बन्ध रखती है । परन्तु इसे प्राचीन जौनपुर मानने में कठिनाई यह है कि इस बात के एतिहासिक प्रमाण अब तक नहीं मिले, हैं कि पौराणिक काल में यवन लोग इस क्षेत्र में निवास करते, रहे या उनका इस क्षेत्र में कभी कोई उपनिवेश भी रहा हो 121 लाल दरवाजा मस्जिद के स्तम्भ पर उत्कीर्ण एक नाम जनरल कनिंघम द्वारा [8१ 7. ए. १ ए 7 १ 8 7. 7 1, উন পাও ও ওক এ ক রন ক, আত ছা গস উর নর ই তাকাও সির এ এ রা ভা ও পক জে সর ই ক কী কা আচ কা ঠা কটি আগা 20. राजदेव दूबे, एवं प्रमोद कुमार सिंह, जौनपुर का ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक व्यक्तित्व, पु. 13-14. 21. साहित्य धर्मिता, जौनपुर विशेषांक, प्र. 23.




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