कोई एक दूसरा | Koi Ek Dusra
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.86 MB
कुल पष्ठ :
168
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)थीच उस नौजवान का रंग-दिरंगे फैशनेबल पोशाकों में सज-संवरकर रिस्म- किस्म की मॉहल की गाड़िया हूंवाहे हुए काने और उसकी आंखों में आंखें डालकर मुस्कराते रहने में वही कोई नागा नहीं डूबा । यहां तक कि पिछले इतवार को वह वाहर कोई मरीज देखने निकली थी उस दिन भी उस सूति पर निगाह पड़ी थी । लगता है ये साहब नयी-पुरानी गाड़ियों की खरीद डिश्री का विजनेस करते हैं। धापद इसीलिए तरह-तरह की गाड़ियां दिखा-दिखाकर उसे फांसने के चक्कर मे हैं । शमिला नाराज होकर भी साख़िर बया कर लेती ह सड़क या मेडिकल कॉनेज का गेट उसकी निजी सह्कियत तो नही । यूं वह मन-ही-मन काफी सजा भी ले रही थी । जू रोद पर नजर पर्टतें ही शर्मिला ने देखा आज बह लॉस्टिन गाड़ी में आया था 1 उसने तिरछो निगाहों से गाड़ी की दूरी का अंदाजा लगाया 1 गाड़ी की रफ्तार से साफ जाहिर था कि आज बह दमिला के आगे-आगे जाएगा । बसे भी उसकी गाड़ी अवसर ही उसके आगे-आागे रहती है । वजह का थदाजा लगाना भी बिल्कुल आसान था 1 गाडी के रीयर-ब्पू से पीछेवाली गाडी की चालिका का चेहरा साफ-साफ नजर आता रहता था । यह तो उसकी गाड़ी चलाने के ढंग से हो जाहिर था कि उसकी निगाहें एकटक उसके चेहरे पर गडी हैं । लैक्नि इस पर भी दामिला को तेवर दिखाने का वया हक बनता है ? अगर बह उसके गाड़ी चलाने मे अड्चन बनता तो भी किसी फैसले का सवाल उठता । लेकिन वह शख्स तो गाड़ी भी काफी से हुए हाथों से चलाता है । घ्मिला की गाड़ी की रफ्तार तेज होते ही उसकी रफ्तार भी तेज हो जाती है धीमी होती है वह भी अपनी रफ्तार धीमी कर देता है--कमोबेश कुछ फासला बराबर कायम रहता है । गाड़ी चलाते-चलाते ही कभी कभी दमिला का मन होता उसे बुरी तरह मुंह चिढा दे । उसके मुह विढ़ाने पर मजनू साहब की मिंगाहू जरूर पढ़ेगी। लेकिन अस्पतान्न जाते हुए शमिला चबरकाकुती एक सौम्य-व्यक्तित्व-संपन्त ढावटर होती है । इस तरह की हरकत उसे घोमा नही देती । इसीलिए मन की चाह मन में दवाएं हुए वह गभीर मुद्दा में गाड़ी ड्राइव करती हुई बढ जाती है। जू रोड पार करके वह ऑस्टिन गाडी शिलांग॑ रोड पर निकल आई । लेकिन थाज उसके दिमाग में जाने कौन-सी सवार हो गई । उसने झटके मे एक ट्नें लिया और उसकी गाड़ी फिर जू रोह पर दौड़ने लगी । इस तरफ से उसे काफी चक्कर पड़ेगा सिकिन कोई दात॑ नहीं । उसने गढंत कर अपनी पीछे वाली गाड़ी पर निगाह डाली । उस नौजवान को गाडी कीं रफ्तार घीमी हो गई थी । उसकी अचकचाई हुई सूरत देखकर उसे वेसास्ती कोई एक दूसरा / हैं
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