अमर जीवन की ओर | Amar Jeevan Ki Or
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
127
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
लिली एलेन - Lilly Alen
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शिवप्रसाद सिंह विश्वेन - Shivprasad Singh Vishven
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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अदृश्य शक्ति
পিপলস
कह सकता दै, ष्टे भगवान, म विश्राम करनेकी इच्छसि शान्तिपूर्वक लेट
गया हूँ कारण कि केवल आपही संसारके रक्षक हैं ।? परन्तु वह “केवल
आपही? शब्दका आशय नहीं समझता | वह यह नही समझता कि उस
अहृश्य शक्तिका यह दूसरा नाम है जो सूर्यकों दिनमें तेजवान बनाती
है और रातको चन्द्रमासे अमृत वर्षा करवाती है , जिसके सकेत मात्रसे
ऋतुओंका परिवर्तन होता है और वे एक क्षण भी कहीं देर नहीं
कर सकतीं । मनुष्य इतना तो जानता हैं कि यदि उसे
साँस लेनेके लिए. वायु न मिले तो गह एक क्षण भी जीवित नहीं
रह सकता परन्तु वह कभी वायुके सम्बन्धमे विचार नदीं करता ¦ वद
अनजाने उस शक्तिके आगे माथा কুক্ষা देता है जो विस्तृत गगन
मडलमे सूयंका रथ सचालन करती है ; जो रातको उसी गगनमण्डलमे
जगमगाते रत्नोंकों बखेर देती है औरे प्ृथ्वीको डगमग नहीं होने देती |
जब बह इस प्रकार आत्मसमपंण कर. देता है तब उसका जीवन सब
तरदसे परिपूर्ण हो जाता है । यदि मनुष्य पूर्ण विश्वासके साथ बिना
एकक्षण सोचे विचारे अपने जीवनकी महान विभूतियोंको उस अदृश्य
शक्तिके हाथोंम सौंप सकता है तो फिर वह रहने-सहने, काम करने और
वार्तालाप करनेके समान साधारण कार्योको उससे क्यों पृथक-प्रथक
रखना चाहता है ? ऐसा करने से तो यह प्रकट होता है कि वह अकेले
दुनियासे निवान्त पथक है | मानो उसका प्रसन्नता, उसकी इच्छा, उसकी
कामना और उसके जीवनसे उस आदि शक्तिका कोई सम्बन्ध ही नहीं है |
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