अथ संस्करविधिः | Ath Sanskarvidhi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
288
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ब 77“ > स्वस्तिदाचनम् $६- ~
मित्रं वर्णं सातये भगं यावांएथिवी मरुत॑ः स्वस्त-
यँ ॥ १५ ॥ सुत्रामाणं एथिवीं याम॑नेदसं सुशमी
गामदितिं सुप्रणीतिम् । देवीं नाव स्वस्त्रिमनांग-
समस॑वन्तीमा रुहेमा स्वस्तय ॥ १६ ॥ विश्व यज-
মলা अपिं वोचतोतये आयंध्वं नो दुरेवाया च्रमिहुतं।
सत्यया वो देवदूत्पा हुवेम शृरवतो दैवा अव॑से स्व-
स््तयें ॥१७ ॥ अपामीवामप विश्वामनांहुतिमपारातिं
दुविद्नामघाय॒तः । अरे देंदा द्ेषों अस्मर्युयोतनोरु-
गाः श्म यच्छता स्वस्तमे ॥ १८ ॥ अरिष्टः त मतो
विरव॑ एधते पर प्रनाभिर्जायते धरमैणस्परि । यमांदि-
त्यासोनय॑था सुनीतिभिरति विश्वानिदुश्ति स्व॒स्त-
ये ॥ १९॥ य देवासोऽवथ वाज॑सातौ य शूर॑साता
मरुतो हि ते धने । परातर्यावौणं रथ॑मिन्व सानसिम-
रिध्यन्तमा र्हेमा स्वस्तये ॥ २० ॥ स्वस्ति नः प-
হাল অন্ধ स्वस्त्यःप्सु वृजने स्ववाति । स्वास्त
न: पन्नक्रयेषु योनिषु स्वस्ति राये मरुता दधातन॥२९॥
स्वस्ति रिद प्रप॑ये श्रेष्ठा रकण स्वल्यामि या कामम
तिं। सा नो अमा सो अरंगो नि पातु स्वावज्ञा भ
वतु देवगोपा ॥ २२ ॥ ऋ० म १० सु० ६३ ॥
তি বীজ त्वां वायवंस्थ देवा वः सविता प्रापयतु
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