विवाद दिग्विजय | Viwad Digvijay

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Book Image : विवाद दिग्विजय  - Viwad Digvijay

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ८ / कल्पना करता है छौर कहता है ক্দি অন্ত जल तश्ग वा लहर रूप है आर ये सब तरंग वास्तव में जल ही हें। ईश्वर, जीव और मकृति भें को उसे प्रकार का बंबन्ध है जया कि सयुर, अल श्यौर €रंगों का । स्सृद्र व्यो कल्पना जल के पृथक है और जल की कल्पना तश्ग से खलग हैं। र। লা शब्द विशेष दशाशों के नास हैं। परतु उन दशाओं का इस्बन्य स्क हो




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