संकल्प - शक्ति प्रथम परिच्छेद | Sankalp - Shakti Pratham Paricched
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
100
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अदीन विचार १६
सदा उफीके समीप रहते ह, कितने अभिमानी दाना चद ।
पक श्रग्रेज कवि का कटना है किः-
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. - श्रधात्:--चादे लिन्ता ओर आपत्ति फितनी भी आये वरन्
मनुप्य को दतोत्सादित कभी भी नर होना चाहिए |
'हीन और मलीन विचारों को अपने मास्तिप्क-में स्थान न
दीजिये सदा पेसे ओजस्प्री पिचार अपने मास्तप्फ में रखिये
कि जा उत्साह का चायुमएइल अपने चारों ओर उत्पन्न कर
सके | अपने मित्र पेते टी चुनिये फ़ जे उक्त भकार फे विचार
धारण कस्ते टां । यस, यदी लेकरुप-शक्ति का उन्नति का प्रथम
सपान है ।
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