शिशु का अधिकार | Shishu Ka Adhikar

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Shishu Ka Adhikar by पी॰ एल॰ चोपरा - P. L. Chopara

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ६ ) हां, शांतिपू वातावरण ओर सात्विक विचार सहवास के समय आवश्यक हैं। হালি का तीसरा पहर, जब एक नींद ले ली गई हो ओर थकाबट दूर हो गई हो, इसके लिये उत्तम है | इस समय तक भोजन पच जाता है ओर बाद में .द्म्पत्ति आरास- पुबक एक नींद ले सकते हें। दिन में सहवास मना किया गया है क्‍योंकि यह कामुकता ओर बिलासिता बतलाता है। विल्ासिता एक दुगुण है और हर व्यक्ति अपनी संतान को इससे दूर रखना चाहता है। इस प्रकार स्वस्थ शरीर व विचारों से ही बालक का यह्‌ प्रथम संस्कार ( गर्भाधान ) पूरा होना चाहिये ।




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