यूरोप के आधुनिक इतिहास पहला भाग | Europe Ka Adhunik Itihas 1789-1914 Vol-1

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Europe Ka Adhunik Itihas 1789-1914 Vol-1 by सत्यकेतु विद्यालंकार - SatyaKetu Vidyalankar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हि यूरोप का आधुनिक इतिहास पहला अध्याय विपय प्रवेश १. प्रस्तावना फ्रास में राज्य क्रान्ति को हुए अभो डेढ़ सो वर्ष के लगभग हुए हैं । डेढ़ सदा के इस थोड़े से समय में यूरोप ने जो असाधारण उन्नति की है, उसे देस+र आश्चय होता है । राजनीतिक, सामाजिक, प्रायिक, स्मावमापिक, धामिक-समी चेत्र मे यूरोप मे एक युगान्तर उपरिथत हा गया है| अठारहवी सदी के अन्तिम भाग में, फ्रेंच राज्यतान्ति के ' श्रीगणषेश के समय, यूरोप में एक मो देश ऐसा नहीं था, जहाँ लैफतन्त् शासन हो। प्राय सप देशा में वशक्रम से आये हुए. एक्तन्त्र स्वेच्छाचारी निरदश गजा रत्य करते थे । उनका शासन सम्बन्धी मुरय सिद्धान्त सह था-- “हम पृथ्वी पर ईश्यर के प्रतिनिधि हैं, और हमारी इच्छा टी कानून है ४२ समाज म ऊँच नाच का भेद विद्यमान था 1कुछ लोग ऊँचे समझ जाते थे, फ्याकि वे कुलीन पर में पैदा हुए थे। दूसरे लोग नीचे नमते नाते ये, क्यार वे जन्म से नीच थे। फल বাহানা কা




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