मध्यकालीन भारत | Madhyakaaliin Bhaarat

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Madhyakaaliin Bhaarat by परमात्मा शरण - Paramatma Sharan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सध्य-काट्ीन भारत पहला खण्ड पहला अध्याय शो रू. हषं के पीके और इस्लाम की विजय से पहले का मारत ? राजनीतिक स्थिति ८ सन्‌ ६००-१००० ० ) साम्राज्य के लिये संघष राजपूत काल की राजनीतिक प्रगति--ईंसा की १२ वीं शताब्दी के अन्त में पश्चिमोत्तर देशों से आकर मुसलमान विजेताओं ने उत्तरीय भारत को जीता ओर उस पर अपना राज्य स्थापित किया । इससे पहले भी भारत पर दो बार मुस्लिम आक्रमण हुए थे । इस देश को हस्तगत करने के प्रयास में तथा अपना ग्रभुत्व जमाने के बाद अपनी नैतिक और धार्मिक संस्थाओं के निमांण में उनका तत्कालीन भारतीय संस्थाओं एवं संस्कृति से संघर्ष होना अनिवाय था । मुस्लिम साम्राज्य एवं संस्कृति की भारतीय रूप-रेखा को समझने के लिये तत्का- लीन भारतीय संस्कृति तथा राजनीतिक अवस्था का दिग्दशन परमावश्यक है । मुसल्मानी आक्रमणों के समय सारा देश कई छोटी बड़ी राजपूत रियासतों में बँटा हुआ था। महाराज हर्षवर्धन के साम्राज्य के बाद जो राजवंश देश में प्रादुभूत हुए, वे राजपूत कहलाये । इसी से सन्‌ ६४० से १२०० इईं० तक के काल को राजपूत काल कहते हैँ । यद्यपि हषं के बाद इस युग में कई राज्य उससे भी बडे एवं प्रतापी हृष, तथापि उस समय कतिपय ऐसी घटनाएँ हुई जिनके कारण ह५ के समय का महत्त्व इतना अधिक हो गया कि यह मानना ही पड़ेगा कि उसके बाद से एक ऐसा नया युग प्रारम्भ हुआ जिसके विशेष चिह्न




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