काव्यमाला भाग - 14 | Kavyamala Bhag - 14
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
20 MB
कुल पष्ठ :
176
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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कान्यमाला ।
खेदाम्बुसंकुछविको लकपोरूपालि
शालिअमद्ध मरकालि विलासचल्णत्
तुन्देन्दुबिम्बगतलम्बि सुजंगमझ्ु
तत्स्याद्धवानि वदने सदन मुदां नः ॥ ४७ ॥।
सत्करणगमृूषणसुवर्णमिलन्मसार-
माणिक्यमझ्लऊमयूखविभाभिरासस् ।
स्वणोद्विकीणैमनि प्रृश्चिवरेप्यवर्ण
तस्स्याद्धवानि वदनं सदन सुद्धां नः ॥ ४६ |)
नासासु भोक्तिकमयूखसमूहसान्द्र
निस्तन्द्रचन्द्रकलित वसुमेरुश्वक्ञम ।
कस्तूरिकाक्लितमिव स्फुरदिन्दुबिम्बं
तत्याड्वानि वदने सदने मुदां नः 1 ४७ ॥
पेषु प्चविरिखेषु विभावभूता
लीखल्सत्तिकसुमाच्छरमाभिरामा +
सुक्तावलीवलितमञ्जुरूमण्डना सा
नासा विनाशयतु तापमगेन्द्रनायाः ॥ ४८ ॥
वैधेयधुयेघिषणा निगदन्ति साम्जं
सडन्ध॒ुजीवकुसुसे न हि यस्थ तस्य ।
तस्स्याद्युधारखभरं यदि सोऽपि तस्यः
कल्याणमाकल्यतादघरः शिवाया: ॥ ००९ ॥
सद्धिद्दमद्धमद ख्द्रवदामवामः।
नितलन्द्र्चन्दकरसान्दधरमाभिरामाः ।
चज़त्रजोज््वलतक्ा: शशिमोलिकान्ता
লুন্বাহাদী विदलयन्तु: ममाद दुधखस् ॥ ७० 11
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