विदेशों का वैभव | Videsho Ka Vaibhav
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
98
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about रामेश्वर तांतिया - Rameshwar Tantia
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कया और सस्पृति का बद्ध फ्रास
बार नपुराप कं वड-वडमम्राटा वादप चूर कर तिया था । फ्रांस व जाग
विग्यासप्रिय है, विन्तु वे तववार व घनी भी हैं। व अपन दश के लिए, भारत
के राजपूता की तरह जान हयेती प्र रखबर मृत्यु से खेलना भी जानते हैं।
इस विजय-तारए के चारा काता पर चमवीजी धातु से बनी चार মহ্ম ছুলিযাঁ
हैं जिनमें कतावारा न प्रस्थान, विजय, 'तान्ति भौर प्रतियध वी भावनाझा লা
भ्रपना कल्पना क भ्रनुसार मूत स्य न्याह । इन मूत्तिवा कौ कारोगरी ক্সাং
बजा को देखकर प्रान्स वी म्रठारदवी नतो की कना का उत्वेष प्रत्य मामन আসা
जाना हं ! समार प्रमिद्ध माए्-नजा नाम कौ मटक यहा स निबलना है जा समार
भरम भ्रपनी मुनस्तावे विषु प्रनिदहै। मैंने यूराप व प्राय सभी दशा का
श्रमण किया है । ज्यूरिच स्टाकह्ाम, कापनहंगन, हग और अ्र[सल्स श्रादि सुन्दर
से सुन्तर हेरा का दला परन्तु दतनी सुन्दर सुविस्तृत सदक कही भा देखन में
नहीं प्रायी । बीच में सवारिया व॑ तिए बहुत चौट रास्ता, दोनां तरफ बला वा
कतार भौर उसके बाद पैटल चजनेवात्रों क लिए दाना तरफ रास्ते, भौर फिर
बी-बडी दूकानें--जिनमें सुइ से वकर होरेज्जवाहरात तक खरीद जा सकते हैं ।
মত को सफाद और चमव तो इसनी ज्यादा है कि बहुत से विटेशिया का इसक
रबड वा होन वा भ्रम हा जाता है। हमारे दशा मे ता यह महाहूर भा है कि परिस
मे रबड की सडव है।
इसक बाद प्लेस द जा ककड दखा। फ़च सम्राट् जुई पद्रहवें न इस स्मारव
का पपनी विजय व उपनक्ष्य में बनवाया था। विधि का कैसी विल्वना है कि इसी
स्मारक दे नीच जनता ने उसद उत्तराधिकारी सानहव लुई की गठन फ्रस स
उडा ही था। वास्तु शिल्प भोर क्या वी दृष्टि स नि सनेह पद्रहव लुई का यह
स्मारक समार में एक विशिष्ट स्थान रखता है। मिस्र को विजेय व बाद नपाजियन
वहाँ स ७४॥ फुट ऊचा एक स्तम्भ लाया था | २३० टन क॑ पत्थर का यह स्तम्भ
ब्रनुमानत १ २०० वप पुराना है और इस पर प्राचीन जिपि में कुछ जख खुदे हुए
हैं । इस स्तम्भ का स्मारक के उपर खेडा क्या गया है ।
दुम बाद टम विश्व॒ का सवम নিহান কা সশকর হাল সালাল বল্ল
गये जिसे लुब्रे कहते है | दसका निर्माण १२०० ३० म प्रारभ हुआ झौर १८७०
ई० में यह बनकर तैयार हुआ था । इसके बनाने म उगभग ७०० वप लग्न थ ।
पहन यह एक क्ता था। बाद स फ्रास वे राजा न इस महदे कृ र्पम् परिव्तिन
कर दिया श्र श्रब इसके एक भाग में फ्रुस का वित्तमत्रालय है श्र शप भागा
ममान অত बड सग्रहालय हैं. जिनमें विश्व की बहुमूय कलात्मक बस्तुआ वा
লি
User Reviews
No Reviews | Add Yours...