राजस्थान में स्वतन्त्रता संग्राम | Rajasthan Mein Swatantrata Sangram
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
187
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about बी. एल. पानगड़िया - B. L. Panagariya
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)2/राजस्थान में स्वतन्त्रता संग्राम
` इण्डस बेसिन की नदियों पर बताई जाने वाली जल विद्युत योजनाओं में भी
राजस्थान भागीदार है। इसे इस समय भाखरा-तांगल और अन्य योजनाओं से यथेप्ट
विजली प्राप्त होती है, जिससे राजस्थान के कृषि एवं शझ्रौद्योगिक विकास में भरपुर सहा-
यता मिलती है । राजस्थान नहर परियोजना केश्नलावा इस भाग में जवाई नदी पर
निर्मित एक बड़ा बांध है, जिससे न केवल विस्तृत क्षत्र म सिचाई होती है, वरन् जोधपुर
नगर को पेयजल भी प्राप्त होता है। यह सम्भाग अभी तक झौद्योगिक दृष्टि से पिछड़ा
हुआ है । पर इस क्षेत्र में ज्यों-ज्यों विजली और पानी की सुविधायें बढ़ती जायेगी,
झ्रौद्योगिक विकास भी गति पकड़ लेगा। इस भाग में लिग्नाइट, फुलसंग्रर्थ, टंगस्टन,
वेंण्टोनाईट, जिप्सम, संगमरमर रादि खनिज पदार्थं प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं।
जैसलमेर क्षेत्र में तेत और गैस मिलने की सम्भावनाए' हैं। श्रव वह दिन दूर नहीं है
जव कि राजस्थान फा यह् भाग भी समृद्धिशाली बन जायेगा । 7
राज्य का क्षेत्रफल 342 लाख वर्ग कि. मी. है । क्षेत्रफल की इष्टि से यह भारत
का दूसरा सबसे वड़ा राज्य है। सन् 1981 की जनगणना के अनुसार राज्य की जत-
संख्या 3:41 करोड़ है, जिसमें से पुरुष 1:77 करोड़ और स्त्रियां 1:64 करोड़ हैं।
अनुसूचित और जन-जातियों की संख्या क्रशः 58 लाख और 42 लाख है। राज्य में
जनसंख्या का घनत्व केवल 100 व्यक्ति प्रति कि. मी. है, जो भारत के पहाड़ी राज्यों
को छोड़ कर सबसे कम है । राज्य में एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों की
संख्या 11, अन्य तगरों और कस्बों की संख्या 146 और गांवों की संख्या 3575 है ।
राज्य की राजधानी जयपुर है, जिसकी आबादी 10 लाख से अ्रधिक है। राज्य
का सचिवालय और राज्य स्तर के लगभग सेमी विभाग राजधानी में स्थित हैं, पर
राजस्व मण्डल अजमेर में है। इसी तरह उच्च न्यायालय जोधपुर में है, पर उसकी एक
शाखा जयपुर में है । हु
प्रशासन की दृष्टि से राज्य 27 जिलों में बंदा हुआ है ! स्वायत्त शासन के लिए
नगरों श्रौर कस्वो मे नगरपालिकायं एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिये ग्राम-पंचायतें, तहसील-
पंचायतें और जिला परिपषदें बनी हुई हैं। राज्य में सड़कों की लम्बाई लगभग 50,000
कि. मी. है । राज्य की कुल विद्युत अधिष्ठापित क्षमता 1,714 मेगावाट है । सन् 1983-
84 के आंकड़ों के श्रनुसार राज्य की वाधिक खाद्यान्न पैदावार लगभग 1 करोड़ मैट्रिक
टन है। राज्य की अन्य प्रमुख पैदावार कपास, गन्ना एवं तिलहन है। राज्य में इस समय
छोटे-बड़े लगभग 7,500 कारखाने हैं, जिनमें टेक्सटाइल, चीनी, सीमेन्ट, खाद, ताम्बे,
और जस्ते के बड़े कल-कारखाने भी सम्मिलित हैं ।
७ =
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