कोहरे में डूबा शहर | Kohare Men Dooba Shahar

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Kohare Men Dooba Shahar by नरेश कात्यायन - Naresh Katyayan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बड़े भाई डॉ. उर्मिलेश, श्री रामगोपाल मिश्र, श्री विश्वनाथ द्विवेदी, श्री शिवओम 'अम्बर' एवं ङ. सन्तोष पाण्डेय के स्नेह का आभारी हूँ। डॉ. आमिर रियाज्‌, अनंत प्रकाश तिवारी, घनानन्द पाण्डेय मेघ, पवन बाथम, कमलेश शर्मा, फारुक सरलः प्रमोद तिवारी, डॉ. मदन तिवारी, विनोद श्रीवास्तव, ड. जमील राठी, कमलेश मदु, उष्मान सिद्दीकी, डौ. धरम सिंह, मंगल सिंह मंगल ओर अनेक ऐसे मित्र जिनके नाम मेरे जीवन में महत्वपूर्ण हैं सभी के अनुराग और प्रोत्साहन के प्रति मेरी क॒तज्ञता। अपनी जीवन संगिनी कवसयित्री पुष्पा 'सुमन' को क्या आभार व्यक्त करूँ उसके बिना तो मेरे गीत प्राणहीन हैं। अपने सभी मित्रों, हितचिन्तकों तथा उन्हें भी जो दूर रहकर भी मुझे कुछ आभास करा गये मेरी सादर विनम्रता अर्पित हेै। अपनी दोनो पुत्रयो, दिव्या ओर काव्या तथा पुत्र राकेश के , प्रति आभार जिनके समय से समय लेकर मेने यह गीत रचे | यदि मेरी यह गीत रचना प्रकाश मे न आती तो एक अधूरापन एक खालीपन सालता रहता | 'कोहरे में डूबा शहर' अपने स्नेहिल पाठक हृदय से प्रकाश की अपेक्षा करता है। आपकी सदाशयता इसकी थाती है। इसे अपनाइयेगा, अपना प्यार दीजिये यदि कहीं कुछ अच्छा लगे तो मुझे भी अपने उस स्पन्दन से अवगत कराइयेगा | डो. नरेश कात्यायन २०१, राजकीय कालोनी, सेक्टर-२१, इंदिरा नगर, लखनऊ - १६




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