विकास - मनोविज्ञान | Vikash Manovigyan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
292
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डॉ॰ शारदा प्रसाद वर्मा - Do. Sharada Prasad Varma
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)खघिकास-मनोविशान का ग्र्थ एवं দল €
१५
, क्ियोर बालक उस प्रश्नो का उत्तर नहीं देना चाहने जिनसे उने
ब्यतितत्वय पर किसी प्रदार की आंच साय যা হলনা पाल गन्त
सै] उसलिए वे নমল ग्रनत्य उत्तरों का सहारा लत हू।
/८) उस चिद्ि में तीर नही तो सतह ही खूब बन प्राती है। शस प्रदाग र
यह विधि पूर्ण रूप से विश्वसनीय नहीं कही जा सकती ।
जांच पत्र (चेक लिस्ट) विधि
इस विधिका प्रयोग वालक की विभिन्न अभिदचियों का पता लगाने के लिए
विया जाता ह] इसमें वालको का विभिन्न अभिरनियों की एक लम्बी सूची दे
दी जाती है जिसमें उन्हें क्रमानसार अभिरुचियों का अंकन करना पड़ता है इससे
बालकों की अभिरुचियां के छकेत्र का पता लग जाता हे ।
(२) अवलोकन विधि
यह दो प्रकार की होती है। एक साधारण ग्रवलोकन विधि और दूसरी
नियंत्रित अवलोकन विधि ।
साधारण अवलोकन विधि में माता-पिता या अन्य प्रौढ़ व्यक्ति द्वारा वालकी
की बाहरी क्रियाग्रों, चेप्टाओं, व्यवहारों तथा आदतों वा निरीक्षण करके उनकी
मानसिक स्थिति का पता लगाया जाता है। इस विधि में कुछ कठिनाइयों का
सामना करना पड़ता है :--
(१) घटना विशेष पर वातावरण के अप्रत्यक्ष प्रभाव का निरीक्षय को
पता नहीं लग पाता ।
(२) किसी तथ्य या घटना का निरीक्षण यदि कुछ कारणवश ठीक तरह
से नहीं हो पाता तो उसे फिर से दुहराकर निरीक्षण करने में कठिनाई
हो जाती है ।
(ই) निरीक्षक पर अप्रत्यक्ष रूप से व्यवित॒गत पूर्व धारणा, प्रवृत्ति, रुचि या
मनोदशा का प्रभाव पड़ता है।
(४) विपय के व्यवहार की व्याख्या में पक्षपात की सम्भावना रहती है
(५) इसमें पूरी स्वतंचता होने के कारण उस पर कोई नियंत्रण नहीं होता ।
नियंचित च्रवलोकन विधि. इसमें वालक-बालिकाओं के व्यवहारों, क्रियाओं
तथा चेष्टाओं का अध्ययत नियंत्रित वातावरण में किया जाता है। इसमें पूर्व
निश्चित योजना के अनुसार वालकों की स्वाभाविक रूप से घटने वाली प्रतिक्रियाओं
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