त्रिवेणी | Treveni
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
555 KB
कुल पष्ठ :
68
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जेनियां क देव, गुरु, शास्र तथा सम्यक्
दर्शन, सम्यक् ज्ञान, सम्यक् चारित्र ।
चित्रकूट की विकसित-वनस्थली कं सीता-
राम-लक्ष्मण। ब्रज-रज-रंजक सधा, माधव,
उद्धव । कृष्ण को क्रीडा-स्थली- मथुरा,
गाकुल, बृन्दावन । प्रमदेव कृष्ण की प्यारी
प्यारी भोज्य-सामग्री--मेवा, मिश्री,
माखन । भगवान का तीन तृप्तिकर प्रेम-
भाजन--विदुर के घर बासी शाक, सुदामा
का तीन सुट्री तण्डुल, शबरी की जूठी मीठी
बेर। तीथीं के सिरताज--अयाध्या, प्रयाग,
काशी । भारतमाता के तीन 'राम!--
रामचन्द्र, परशुराम, बलराम । हिन्दुओं के
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