क्या वेद में इतिहास है | Kya Vaid Me Itihas Hai
श्रेणी : आलोचनात्मक / Critique, हिंदू - Hinduism
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
244
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)খু
का मत ( प्० १७० )। सुदेवोऽसि* ( श्० <।६९।१२ ) मन्द्र पर
विचार । प्रोपिन्यास देव छ मत (पृ० १७१) 1 कट ठपनिषद् छ समन्वय
( पू* १७१ } । योगी अरविस्द श्च सनिभराय ( पृ० १७५२-४४ ) |
হুল से गगे० (क्० १० । ७७ | ७) मन्त पर विचार । सामण फा
डार्थ ( पृ० 1७५ )1 नदी नामों के यास्क के निर्वेचन ( पृ० $७६ )1
बेद में आए गया आदि पदों के सम्बन्ध में ऋषि दुयानन्द की
सम्मति ८ पु १०९-१८१ ) 1 योगके प्रथो मै गगा, यमुना मादि पदीं
श्न णमिप्राय इदा, दिगा माद ( प० १८२-१८४ } १ अप्यात्म शरसा
कौर फ्रिदेणी (पु० १८४ )। थी चन्द्रमणि বাতি জনা अमिप्राय
( पृ० १८४-१८७ 9 1 नवेस-सिस्तम श्य निल (पृ० १८५-१८६) 1
परिशिष्ट ( १ }--पन व्यवहार ।
परिशिष्ट ( २ )--/परतजल योग प्रदीप मं श्ची भीमानन्द् दारा
श्रदुरिव नादी नाट}
परिशिष्ट ( २ )--श्ली प० जयदेवनी शर्मा चतुर्देद भाष्यकार झा
इस में गंगे० सत्र पर भाष्य 1
परिशिष्ट ( ४ )--नर्वंस सिस्टम ( श्ान-सतु-संस्पान ) ।
हरा
= ৬/
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