क्या वेद में इतिहास है | Kya Vaid Me Itihas Hai

Kya Vaid Me Itihas Hai by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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খু का मत ( प्‌० १७० )। सुदेवोऽसि* ( श्० <।६९।१२ ) मन्द्र पर विचार । प्रोपिन्यास देव छ मत (पृ० १७१) 1 कट ठपनिषद्‌ छ समन्वय ( पू* १७१ } । योगी अरविस्द श्च सनिभराय ( पृ० १७५२-४४ ) | হুল से गगे० (क्० १० । ७७ | ७) मन्त पर विचार । सामण फा डार्थ ( पृ० 1७५ )1 नदी नामों के यास्क के निर्वेचन ( पृ० $७६ )1 बेद में आए गया आदि पदों के सम्बन्ध में ऋषि दुयानन्द की सम्मति ८ पु १०९-१८१ ) 1 योगके प्रथो मै गगा, यमुना मादि पदीं श्न णमिप्राय इदा, दिगा माद ( प० १८२-१८४ } १ अप्यात्म शरसा कौर फ्रिदेणी (पु० १८४ )। थी चन्द्रमणि বাতি জনা अमिप्राय ( पृ० १८४-१८७ 9 1 नवेस-सिस्तम श्य निल (पृ० १८५-१८६) 1 परिशिष्ट ( १ }--पन व्यवहार । परिशिष्ट ( २ )--/परतजल योग प्रदीप मं श्ची भीमानन्द्‌ दारा श्रदुरिव नादी नाट} परिशिष्ट ( २ )--श्ली प० जयदेवनी शर्मा चतुर्देद भाष्यकार झा इस में गंगे० सत्र पर भाष्य 1 परिशिष्ट ( ४ )--नर्वंस सिस्टम ( श्ान-सतु-संस्पान ) । हरा = ৬/ টা टू




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