अथर्ववेद का स्वाध्याय [अष्टम काण्ड] | Arthvaved Ka Swadhyay [Ashtam Kaand]

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सक्त १] दोर्घायु प्राप्त करनेका उपाय) १७ त 2৬ কী ১১ ০৬৪৪৯ ২ - => >>> >>9 >>> >>> 2>> >> = > ==> = >>> €€€<€€€5€ € € €6€€€€<€6€€ <€ € <€ 5522 >>? ~~~ दीघांय कसी प्राप्त होगी ! শ্লহ্ল্গ नुष्यऊ़े लिये यह शरीर घमका साधन है। यही इसका (कुरुक्षेत्र! अथवा 'कमे- छ्लेत्र!ं किया 'धमन्नेत्र' है। हसमें रहता हुआ ओर पृुरुषाथे करता हुआ यह मलनुष्य अमर प्राप्त कर सकता हैं, अथवा पुरुषार्थसे हीन होता हुआ यही जीव अधघोगति मी प्राप्त कर सकता हैं। हसलिय इस शरीररूपी साधनको सुरक्षित रखने और इससे अधिक्रसे अधिक काम लेनेके लिये हसको दीघकाल तक जीवित रखना आवश्यक है । हमी कारणऊे लिये दीघोयु प्राप्त करनेक्ा विषय घमेग्रभोमे आता है । ९8 चक्तमे हषी शरीरके विषय कहा है-- इमं अच्दतं सुख रे आरोह | ( मं० ६) हस न भरे, सुख्क्ारक (झरीररूरी ) रधपर आरोहण कर। इसमें 'सु+ख' शब्दसे सु नाम उत्तम अवस्थामें 'ख' नाम इंद्रियां जिसकी हैं, एमे आराग्यपूर्ण सुदृठ शरीरको प्राप्त करनका उचना हैं । 'सु+ुझ रथ का অঘ ই जिपकी इद्गियां उत्तम ह एसा यह शरीररूपी रघ मनुष्पको प्राप्त करना चाहिये। इसका दूसरा गुण 'अ+सत' शब्दसे बताया ই। मरे हुए या झु्दे जैम दुर्छ और रोगी शरीरको 'स्त ” कहते हैं, ओर जो অবঃ बी, बलिष्ठ. सुच्ट, नीराय आर क्ाये्षम शरीर हाता है उसको 'अ-सत' कहते हैं। स शरीरको देखनेसे जीवनक्ना प्रत्यक्ष साक्षारकार हठा हे, उसीङो असरत शरीर कहते । शरीर कसा होना चाहिये १ एमा किसीने प्रश्न किया,.तो उसका उत्तर हस्त मंत्रने या, कि शरीर अमृत आर सुबकारक़ होना चाहिये! बहुत लोगोंक़ो मृत आर दुःखी प्राप्त हुए होते हैं। वेसे शरीरोंसे मनुष्यके जीवनक्ी सफलता हो नहीं सकती। द्रका माग । रको रथ कहा है ত্বকী रथ इसलिये कहा है कि, इसमें वठकर मनुष्य @\ ॐ अ पटुच सर्ता है। इतना ठंवा मारे उत्तम रीत्तिष्ठे आक्रमण करना भसुध्यको में सुगम हो जाता हं! दुर ग्रारह्धो जानेह ভিয জিন प्रकारं उत्तम अश्वरथ, ( नोका ), अपभिरथ ( आशमगाडी ). वायुरथ ( विमान ) आदि विविध रथ ग प्रझ्ार झुक्तिधामको पंहुंचनेके लिये इस शरीररूपी रथमें बेठकर, उसके इंद्रेयोंकी सुशिक्षित करके घमेपथपर से पढ़ता हैं! हस विपये हा ह- 93396 3999 1 नितिक्ति 99999929 9 29999299 & | ° 211 21५ <, এ 215 2) 4 4, 9) নে এ পে গে অন্ত # 23 12014 এ ८ 22 41 4 পু 9 4 १ 1 €< 4१22 9 23299390 39979 9292/923 4 ¢ 4 ¢ €| 2 4 श | ८ ^! 2 99999 29993999 99922 99999939 99 99999973 3>9 9899293 >9293 > 9929 89399329 99939299 93529993 >> 2.33333 2 >>> ॐॐॐॐॐ3ॐ> च ¢




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