श्री महाराज हरिदासजी की वाणी | Shree Maharaja Haridas Jee Ki Vani
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
29 MB
कुल पष्ठ :
856
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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महाराज हरिदासजी की गंणी का
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এসসি
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प्रशुद्ध शब्द
तुम्हरी
मूढि
सत्य
सकला
घीरज
जडे
कुवुधिकरि
अवधू
श्रवध्
অন্তি
आध -
परि
करिपे रे
लूघा
तडपती
श्रगहि
गम
নীল
ठट
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जालि
मित्वा
जषे
आषो
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षरम
फोड़
॥ इति ॥
शुद्ध शब्द
तुम्हारौ
मूठि
सप्त
सगला
धीरज
भडे
कुबुधि करि
ग्रवधू
अवधू
पडि
ग्राध
हरि
करिये रे
लुधा
तडफती
गहि
শ্যাম
बोले
हट
तटे
मायिक्
जलि
मिल्या
जपे
आपौ
परम
परम
कोइ
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