फिसले पाँव | Phisle Paanw
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
148
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about मौलाना अबुल कलाम आजाद - Moulana Abdul Kalaam Ajad
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सके बाद श्या हुप्ा २?
उह সুরা के नाम पर उलभाकर चला प्राया । प्रव शायद
प्रिसिपल किसी आलिम या मौलवी को बुलाकर जानकारी प्राप्त करेगा ।
'मौलदी गडण्ड न कर दे । शमा ने शवा व्यक्त की ।
ননী, ননী | हमने जो कुछ किया है घम सम्मत है झौर हम हर
तरह से सुरक्षित है । देखना, भावरा नाम काटना तो दूर उलटे हमसे खेद
प्रकट करेगा | खैर तौलिया दो में नहा लू ।!
प्रदर रला है” शमा ने उसके कपडे तह करके प्रलमारी में रसे ।
बह बाथरूम मे घुसकर नहाने लगा। तो उसने पत्रिका उठा ली। पर मन
नही लगा ।
कॉलेज में उसको लेकर जो बातें हुई वे साधारण तो न थी। भ्रव
वह किस मुंह से जायेगी वहाँ ? सहेलियाँ क्या-क्या नहीं पूछेंगी। लोग
कनश्षियों से घूरेंगे ओरे प्राध्यापक गण ? उनसे वह क्लास में जिरह कर
सकेगी ।
शमा का मन कडुवा हो गया । क्या यह सब उचित हुआ ? “मुतता
को शायद धार्मिक मा-यता हो पर यह सामाजिक भी है या नहीं ? उसे तब
क्या हो गया थां। क्यो नही पहले ही इतना विचार क्या। भब ? बह
बीते दिना वे बारे मे सोचने लगी ।
प्रह पझगस्त की पूव सध्या | कालज मे विविध सास्कृतिक कायक्रमो
का आयोजन था। जैदी तथा शमा ने एकामिनय प्रस्तुत विए और खूब
वाहवाही लूटी 1 इक्वाल जैसा गम्भीर प्रकृति वाला शायर भी जब उदें
बचाई दने लगा तो दोनो कृताथ हो गए। इकबाल निस्स देह ऊँचा और श्रच्छा
शायरथा। बहुत जनदार कविठा करता था 1 मव अगला कोयक्रम कविता,
पाठ ही का था । इकवाल तटस्थ रहने वाला सजीदा प्रशिक्षणार्थी था ग्रौर
लडकियों से सुदंव अलग व यथासम्भव दूर रहने का आदी लगता था ।
बहू बोला--यार सरवरद, तुम झोर शमा की जोडी ने कमाल कर
फिसले पाँव/17
User Reviews
No Reviews | Add Yours...