जैन बाल बोधक भाग - 1 | Jainbalbodhak Bhag -1
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
84
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अयवमभाग । १७
लखि छांहीं। जह हाथिको बेच विसि गपेः
क्रपूर कपास समान विकॉदी ॥ जहेँ कोकिल
हस मयूर मरे, जहें काककि लीला लखें सुख
पादीं । जिर्द ठीर न आदर गुणियनको, ति
देशहिको परणाम सदाहीं॥ १॥
পিসি
ग्यारवां पाठ याद रखने छायक २९ शीक्षायें |
१ साच वचन सुखसे नित भाख ।
२ पटेत् समम खज मत राख ॥
३ पाठ पढ़नका आलस हरो ।
9 पढते इत्त उत्त नजर न करो ॥ १॥
१ सब छात्रनसे राखहु मेल ।
६ खोटे लड़कन सग मत खेल ॥
७ छायनमे सगडा मत करो 1
८ सरसे मित्रभाव नित धरो ॥ २॥
९ परनिन्दा मुसपर सत खव 1.
१० अपनि वरह तज भव ॥ `
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