प्रेमोपहार | Premo Pahar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
206
श्रेणी :
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No Information available about सरयूप्रसाद "बिंदु"- Saryuprasad 'Bindu'
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)७ सिंहनाद पाटक
'( सर०--कुमार | यदि आपकी सहायता हुई ओर जाचायरयफों
জা তুই নী हम ऐसा ही करेगे !
दिखा दे'गे सम्ी देशोंकों हम केसे दिलावर हैं ।
हमारी ज्ञातिके हर एक वालक शेर नाहर हैं ॥
क्षमाके रूप हैं हम, किन्तु, रणमें क्रोध्र-लागर हैं ।
सदा आज़ाद हैं, स्वाधीन हैं, हम शूरमा नर हैं॥
तहीं वाचाल हैं हम, द्वाय्यकों करके दिखा दे'गे.!
हमारे साथ ईश्वर है तो छुश्मतको हरा देगे॥
कुमार--अच्छा, अब जल्दी चलनेका सामाव करो । में चहुत
जल्द शिवाजीके पास प्रथान करना याहता हूं ।
खब--ज्ञो आज्ञा
कुमार--ओ करू कलङ्क यौर्टूजेव ! होशियार हो ; खवरदार
हो, सम्हल, कहीं युद्धमें ऐसा न द्वो कि तूही मेरे
हाथोंका शिकार द्वो। तेरी वादशाही समाप्त ्ो
चुकी, तेरी दोशियारी खाक द्वो चुकी, अव यें तुभे
अपनी वलवारका मज़ा चखाऊंगा में ही तेरे अत्या-
चास स्वदेशक्ो स्वत॑ज् वनाङगा ।
निकलकर स्यानसे तलवार प्यारी)
बनेगी शब्रुओंकी प्राण हारी ॥
समरकी है यही प्ररूयाज्नि कारी।
[লতা देगी ये डुश्मनकी खुमारी ॥
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