राज्यविज्ञान के मूल सिद्धान्त | Rajyavigyan Ke Mool Siddhant

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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আজ [২২ रिक्त लोफम॑त ऐसो वस्तु है जो स्थायो नहीं होनी। वह सदा किसी न फिसो बात से प्रभावित होती रहती है और बडी चश्चल है । जनता को भो राजनीतिक प्रभु मानना उचित नही होगा क्‍योंकि वह भो धर्माधिका रियो, जमीद्रारों अथवा सैनिस्वादियों के प्रमाय में हो सक्तों है । ऐसी अवस्था में जनता नहीं वरन्‌ वे व्यक्ति ही गाजनीनिऊ प्रभु बन जायेंगे। जब मिर्वोचर-मएडल को राजनीतिक प्रभु मान लेते हैं तव भी ऐसी ही कठिमादयाँ पैदा हो जाती हैं । जहाँ मतदान जनता के एक भाग नके ही सीमित होता है, वहाँ मत न देनेवाला विशान जन-समुदाय भी मतदातायों पर अपना प्रभाव डालता दै 1 হাল সা কা कटिनाइया कः कारण दी छ लेखक राजनीनिङ़ प्रभुना को कल्पना मो व्यथं मानते है| टस प्रकार लीग ক্যা কখন ট ক্ষি राजनौतिफ प्रशल्य के लिपै (जननौ हो अधिक सोज कौ जातो है, उतना ही यह अधिक दूर देस पडता है।”? यों देखने में तो राजनीतिक प्रभ॒त्य का विचार श्रत्यधिक विवेजपृर्ण श्रौर तारिक प्रतीत होता है फिन्तु इसकी अ्रधिक परीक्षा करने पर यह एक राजनीतिक आदि कारण घन जाता है; जिसरा भीतिक विज्ञान की तरह राज्य विज्ञान के ज्षेत्र मे व्याख्या नही की जा सकती | श्रॉस्टिन की निश्चित बानूनी भावना फेः बाहर सर्वत्र श्रान्ति ही प्रान्ति देस पडतो है । आधुनिक राश्य में जिन व्यक्तियों को कानून निर्माण ऊरने को असौमित सत्ता होती है, वे निरदिप्ट और स्पष्ट होते हूँ किन्तु जिस व्यक्ति या व्यक्ति- मण्डल में वास्तविक सत्ता होती है वह विश्लेपण करने पर श्रव्यक्त हो जाता है। दसों प्रकार गेडल का कथन है कि कानूनी प्रशु ऊे पीछे राजनातिऊ प्रभु फ्री खोज के लिये प्रयास करने से प्रभुत्व की भावना नष्ट हो जाती है और प्रमुव्व केवल अनेक प्रभावों का ढर रह जाता है । नू रि राजनीतिक प्रभु असंगठित, अनिश्चित ओर कानून के लिबर ग्रपरिचित होता हई और राज्य को इच्छा को कानूनों भाषा मे प्रकट करने को क्षमता उसमे नहीं हं।तो इसलिये उसकी कल्पना राज्य-विज्ञान के लिये अधिक उपयोगी नहीं होती। उसको केवल एक हो उपयोगिता है क्रि वह लौक़िक प्रभुत्व -(?०फ॒णे४ा $0ए6:शंहुण9) के लिये मार्ग तैयार ऊरती है जो आउनिर प्रजातन्त की आधार-शिला है । लोक-प्रभुख-- स्वेच्छाचारी एकतन्त्र या अल्पजनतन्त्र में, अनिश्चित होते दए भीः राजनीतिफ प्रभु का अस्तित्व हो सऊता है और লহ कानूनो प्रमु पर




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