आत्म विस्मृति | Aatma Vishmriti

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Aatma Vishmriti by पद्मकांत मालवीय - Padmkant Maalviya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अपने को जब छिपा आप में, खो नाता हूँ। पोच तत्व को एक तत्व मे, तव॒ দানা हू ॥ सप्ताकार्शों की तारकमाला, से सज्जित , प्रियतम को मुज मेँ मर-भर कर, सुसकाता ह ॥




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