नेवारी लोक-गीत | Nevari Lokgeet

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Nevari Lokgeet by हरि श्रेष्ठ - Hari Shrestha

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मल्लकालीन केही ठोक-गीत ( १५५०-१७७१ ई० ) . श्री महीद्धर मल्ल- कपटी मायाले बध्यो हे हिव - श्री सदाशिव मल्ल- श्री गुह्य श्वरी माता . श्री प्रताप सल्ल- मोह गरितन्‌ रे वाहु रे वाह . श्री पाथिवेन्द्र मत्ल- सिहको जगर समाई म कहाँ गद भेट (रानी राञ्यलक्ष्मीदेवी) . श्री योगनरेन््र मत्ल- प्रभु बिनु के छ उपाय (रानी नरेच्द्रलक्ष्मी श्री भूपालेन्द्र मल्‍ल- राधिका कृष्णजीको अंग (रानी ऋद्धिलक्ष्मी ) . श्री भास्कर मल्ल- नारायणजी पवेतद्ेउ . श्री भूपतीद्धर मल्ल- कसरी थाहा पादनं नारान




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