स्वप्न-भंग | Swapna - Bhang

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Swapna - Bhang by होमवती - Homvati

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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কল্প लाखो मर गए. - ला बता इनका क्या लेगा £ पिंजरा उठते हए उसने कहा । ८ , सडको पर पडे पडे मर गए, कौन कहता दै रे ठभसे-- वहा की बाते सुनी नहीं अमी तूने, वहा कोई गरीब नहीं रहेगा... , बडे बडे शआ्रादमी जा रहे हैं, और तू. 1? “अच्छा तो चला जा तू मी ১ লব बता भइया, पेसे इनके. .. मुझे तो देर हो रही है |” कहता हुआ जुम्मन का लड़का खिसकने लगा | श्रीर गफूर उसे रोकने की चेष्य करता हुआ पूछने लगा-- “कौन कहता था तेरे श्रव्ता से ! बता तो . 15 “अरे विस का क्‍या नाम है--'वह जो मकानों पर नम्बर डालता फिरता था, किसी का दामाद द्वोकर आया है वहा -« बडी बुराई कर रहा था । बीन्री तो रोते रोते विसकी बीमार होकर श्राई है. .. | ले श्राठ श्रानेदू , इनके £ लड़के ने अ्रटी में से अठन्नी निकाल कर उसके सामने फेंक दी, और पिंजरा उठा लिया | “जानना आठ आने तो बहुत कम हैं, ठहर में तुके सस्ता ही दे পু বাঃ স্তন নী रौर क्या कहता था वे तेरे अब्बा से - ९” गफूर उद्विम्म सा हो उठा-- और जुम्मन का लडका एक दुश्नन्नी और फेंककर चलता बना । १५




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