राजनीति विज्ञान- कक्षा 12 | Rajniti Vigyan Kaksha-12
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
121
श्रेणी :
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नलिनी पन्त -Nalini Pant
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वी. आर. मेहता - V. R. Mehata
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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: ` 'स्वतंत्रता' क्या है?
स्वतंत्रता की अवधारणा को परिभाषित करना कठिन
है। यह एक ऐसा शब्द है जिसके अनेक भावनात्मक
अभिकल्पित अर्थ हैं। इस शब्द को विविध कालों
मे पुधक्र-पृथक रूप से परिभाषित किया गया।
परंतु इन सब विविधताओं में उसका एकसमान
भाव भी प्रकट होता हे।
स्वतंत्रता कां सबसे पहत्त्वूप्णं अभिप्राय यह
है कि इससे प्रेरित होकर कोई विवेकशील व्यक्ति
बिना किसी बाहय दबाव के अपनी इच्छा के
अनुसार कार्य कर पाता है। इस अर्थ में स्वतंत्रता
हमारे ज्यक्तित्व के स्वतंत्र ब मुक्त विकास की
एक अनिवार्य अवस्था है। इसके अभाव में हम
वह सब कुछ नहीं पा सकते जिसे हम विवेकयुक्त
ओर सर्वश्रेष्ठ मानते हैं। स्वतंत्रता पाने का अर्थ
है अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करना, अपने
सपनों को साकार करना और अपनी क्षप्रता को
कार्य-रूप देना। यही मानज़ञता का सार है। इससे
हैमारी जिम्मेदारियों को ठोस आधार मिलता है।
यह वह आदर्श है जिसकी हम सब कामना
करते हैं।
कोई व्यक्ति तब ही स्वतंत्र माना जाता है जब
वह दूसरे लोगों से प्रतिबंधित न हो। स्वतंत्रता का
यह भी अर्थ है कि हमें कुछ करने की स्वतंत्रता
मिले या हम'अपनी शक्तियों का सही प्रयोग कर
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सकें। जब हम वह सब कुछ कर पाते हैं जो
करना चाहते हैं तो हम स्वतंत्र कहलाते हैं। इसका
अर्थ है दंड के भय से मुक्त रहते हुए दूसरों के
आदेश से स्वतंत्र कार्य करने की क्षप्तता प्राप्त
करना। इसके अतिरिक्त कानून के আনান भी
स्वतंत्रताएं विद्यमान होती हैं। नागरिक जब कानून
के अनुसार कार्य करते है ओर कानून द्वार
प्रतिबंधित कार्य नहीं करते, तो उन स्थितियों मे वे
स्वतंत्र कहलाते हैं। स्वतंत्रता का प्रयोग मुख्यतः दो
अथो मेँ किया किया আলা हैः नकारात्मक तथा
सकारात्मक।
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नकारात्मक स्वतत्रेता
नकारात्मक दृष्टिकोण का यह अर्थ है कि हमें
राज्य के अनुचित हस्तक्षेप से बचाव के लिए
स्वतंत्रता की आवश्यकता है। हमें एक ऐसा
कार्यक्षेत्र प्राप्त हो जहां व्यक्ति दूसरों के अवरोधों
से मुक्त होकर अपनी इच्छानुसार कार्य कर
सके। यहां यह जानना आवश्यक है कि प्रानवीय
संबंधों में कुछ अबरोध तो ऐसे होते हैं जो
स्वाभाविक है। उदाहरण के लिए, यदि कोई
अंधा है तो वह अंधेपन के कारण पढ़ नहीं
सकता। परंतु कुछ क्षेत्र ऐसे भी होते हैं जहां
दूसरे जान-बूझ कर ऐसा हस्तक्षेप करते हैं जिसके
कारण हम उन क्षेत्रों में चाहते हुए भी वांछित
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