मन मयूर | Man Mayur
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
239
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मन-मयूर
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০০ মিসস সি ইসি
नसमभें, रवइको रबड़ीका पुल्लिंग न समभें, और
भावजकों अगर भाभी पुकारते हों तो बड़े भाईको
भाभा न पुकारें ।
मेरी इन वातोंकों पढ़ कर मुझे कोई बौडम पुकारे
तो में उसे क्षमा कर दूँगा, जैसे सूथ्य उन लोगोंको
क्षमा कर देता है जो उसे पतंग पुकारते हैं ।
मेरा घरेलू जीवन इस प्रथमे बड़ा सुखमयहै कि
घरकी मालकिन महोदया मुभे काठ-कबाड समभ कर
अधिक छेडती नहीं । हाँ, यह ज़रूर है कि मेरा पति-
परमेरवर-पन वे बहुत पनपने नहीं देतीं ।
पर इसका यह अर्थ नहीं कि हम-दोकी दुूनियामें
कहीं कोई दरार है। जीवनकी एकरसताको दूर करने
के लिए कभी काई भडप हो जाय--वह दूसरी बात
है। यों हम दोनों, गणित को व्यर्थ करते हुए, १+
१-१ ही हैं ।
आठ |
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