नैवेद्य | Naivedya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
368
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्राथेना
ম্বীপটস
ই निगुण, हे सवं गुणाश्रय, हे निरुपम, हे उपमामय !
है अरूप, हे स्वरूप-मय, हे शाशवत, है शान्ति-निलुय |
है अज, आदि, अनादि, अनामय, हे अनन्त, है अविनाशी!
हे सश्चित-आनन्द-शान-घन, द्वेत.हीन घट-धट-वासी |!
है शिव, साक्षी, शुद्ध, सनातन, सर्वरहित, है सर्वाधार !
हे शुभ-मन्दिर, सुन्द्र, है शुचि, सौम्य, साम्यम ति, रहित विकार ॥
है अन्तयांमी, अन्तरतर, अमल, अचल, है भकल, अपार!
है निरीह हे नर-तारायण, नित्य, निरक्षन, नव-सुकुमार !!
है नव-नीरद-नील नराकृति, निराकार, है नीराकार |
है समदशी, सन्त-सुखाकर, है टीकामय, प्रभु साकार |
है भूमा, ই विभु, चिभुवनपति, सुरपति, मायापति, भगवान |
है अनाथपति, परतित.उधारन, जन-तारन, हे दयानिधान |
है दुर्की शक्ति, निराध्रयके आधेय, है दीनदयाल |
हे दानी, है प्रणत-पाल, है शरणागतवत्सल, जनपाल |!
है केशव, है करुणा-सागर, है कोमल अति सुहृद महान!
करुणा कर मव उभय अभय चरणोमरे मुझे दीजिये स्थान |
सुर-मुनि-वन्दित, कमलानन्दित, चरण-धूलि तव प्रस्तक धार !
परम सुखी हो जाऊँगा मैं, हँगा सहज भवाणव पार |
= (2
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