पैसे-पैसे चुटकुले | Paise Paise Ke Chutukle

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Paise Paise Ke Chutukle by क. प्राणाचार्य गणपति सिंह वर्मा - K. Praanacharya Ganpati Singh Varma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१२ सन्निषात , बारीक पीसकर चूर्ण बता लें | यदि इसके घरावर शक्कर भी इसमें मिला ली जाय तो बहुत अच्छा हो । आवश्यकता के समय प्रावः साथ॑ ४०४ ग्राम की मात्रा पानी के ताय साक लिया करें । प्रात:काल भल त्याग भी खुलकर होगा। सारा दिन चित्त वडा प्रसन्न रहेगा गौर ससस्य आपके पास नहीं फटकेगा । মা सन्निपात यह्‌ वडा भयंकर रोग है। इससे मस्तिष्क पर या मस्तिष्क के पर्दो कै मन्दर एक प्रकार की सूजन सी ना जाती है। यदि सूजन विरेषतैः मस्तिष्क पर अधिक हो तो तापांश अधिक होता है और आंखों में बडा भारी दर्द होता है। यदि मस्तिष्क के बगले भाग पर मजन हो तो रोगी की आं्छें खली रहती ह भौर वह युखपर चार वार हाय मारता है । यदि यह घृजन शिर के मध्य भाग में हो तो रोगी व्यर्थ और वेजोड की बातें अधिक करता है जिसे प्रताप के नाम से पुकारते हैं। विना इच्छा से पेशाव निकल जाता है। यदि शिर के पिछले भाग में सूजन अधिक हो तो रोगी जो बात कहता या सुनता है उतरे तत्काल भूल जाता है। यदि मस्तिष्क के सभी भागों में सूजन का प्रभाव हो तब ये सव लक्षण मिलते हैं। प्राचीन आयुर्वेद विशेषज्ञों ते इस रोग के पांच भेद बतलाये हैं। उत सब का अलग-अलग वर्णन करना यहां पर अपेक्षित नहीं है । नीचे कुछ ऐसे योग लिखे जाते हैं जो सब प्रकार के सन्निपातों के लिए लाभप्रद गौर गुरकारक है! २७. सन्निपात हारी पोटली निम्नवशित पोटली सन्निपात के लिए अत्यधिक हितकर है । यहु करई बार अनुभव में आ चुकी है ओर सदा बड़ी प्रभावीत्यादक रही है। जत साधा- * रश के हितार्थ योग नीचे लिखा जा रहा है। बनाकर लाभान्वित हों । विधि--इल्द्रायश का गूदा भौर फरफ्यून दोनों को आवश्यकतानसार लेकर एक पोटली वना । रोगी के शिर पर गर्म टकोर करें । सरद सन्निपात के लिए सेक वार की अनुभूत कौर अचूक भौषधि है} २८ अनुभृत चही यह बंटी सब प्रकार के सस्तिपातों के लिए गुशकारक है } भेको चार इसका अनुभव जिया जा चुका है। हर वार इसका प्रभाव बड़ा बदुभूत सिद्ध हुआ है। इसका विवरण नीचे लिख रहे हैं। . न विधि--पापके सदे की एक रेसी रदी तैयार केरवायें जो कि रोगी शिर पर अच्छी प्रकार बा जावे | फिर उसे तवे पर डाल दें। एक मोर से पकने के बाद कच्ची तरफ कौ ततो के गीर सरसो के तेल से चुपड़ कर




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