संत विनोबा | Sant Vinoba
श्रेणी : शिक्षा / Education
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
78
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)# न
विद्यार्थी जीवन १३
एक दिन वह थोड़े पर बेठकर अपने खेत देखने गया।
उसने एकर खेत में किसी अंग्र ज ऑकीसर का डेरा देखा ।
उसने अंग्र ज के नोंकर से कहा इस डे रे की यहां से उखाड़ लो
नहीं तो में कल इसे उखड़वा दू गा। दूसरे दिन वह फिर आया ।
लेकिन डेरा उड़ा वहीं था । उसे बड़ा गुस्सा आया।
उसने स्वयं डेरा उखाड़ फेंका । अंग्र ल साहव कहीं बाहर
गये थे । वापिस लोटने पर जब डेरा उखड़ा हुआ देखा
तो बहुत गुस्सा हुए। अधिकारियों से शिक्षायत की
` लेकर इ हुआ नहीं । विनोबा के सभी साथीं ऐसे निर्भय
ये ¦ सभी ऐसे देशभक्क और साहसी थे ।
बहुत छोटो उम्र में ही उन्होंने ब्ह्मचारी रहने का
निश्चय कर लिया ओर संयमी जीवन व्यतीत करने
सगे । बात यह हुई कि उन्होंने स्वामी रामदास की दास-
बोध नामक पुस्तक पढ़ी। स्वामी रामदास के विचारों
और संयमी जीवन का उनपर बड़ा असर पड़ा। इस
पुस्तक से त्रह्मचर्य ब्रत लेने की प्रेरणा मिली । इस समय
वे १२ वर्ष के होंगे। अपने एक चचेरे भाई के साथ
उन्होंने ऋ्क्मचारी रहने की प्रतिज्ञा की । दोनों भाई
प्रतिज्ञा में बंध गये। आगे चलकर चचेरे भाई को
अपनी प्रतिज्ञा तोड़नी पड़ी लेकिन विनोशा अपने निश्चय
पूरे अदल रहे । दे निश्चय करके हमेशा पूरा करते हैं।.
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