कल्याण | Kalayan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
31 MB
कुल पष्ठ :
640
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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पृष्ठसंख्या
४-गीत्मीवानका विभति विस्तार
পু “विमलः सीनियर पूढ-
৮২২ , प्रधान 'सनातनघर्म सभा! दिल्ली ४५३
त्रिभुवन-मोहन ( श्रीअकिखन ) ४५४
८ पर (श्रीजैलबिद्दरीजी दीक्षित'.कण्टक')५०२
९ ६६दुनिग्रह-मन ( श्रीभगव्तीप्रसादजी त्रिपाटी
एस० ए०, एस एल ० बी ० ) ५०२
१६७ -अनन्त-कामना ( श्री्रवन्तविष्टारीजी माथुर
৪ झवन्त' ५०२
श्रीमद्धगवद्रीताकीं आरती ( श्रीदामोद्र-
सहायसि्जी एल. टी. कविकिकर) टाइटलका चौथा पृष्ठ
संग्रहीत
१६६-सब धर्मोक्री मात्तभमि (मदात्मा सानेरवरजी
महाराज) ह ই
२००-गीता अद्विनीय श्रन्थ है (महातमा थारो) ८६
५०१-मन्ुष्य जातिके उज्ज्वल भविष्यका निर्माता
{एफ दी° जक्स ) ^ এ হই
२०२-गीताका अहिनीय उपदैश (वारेन देस्टिग्स) १०८
५०३-गीता के भाधार वेद और उपनिषद् हैं
(बहन नित्रेदिता) १२५
५०४-गीतामें सर्वोत्तम भक्तियाद (बाबू बंकिमचन्त
चद्दोपाध्याय) । १२३
२०५-गीता सन्देह-राक्षसकों सदा मारनेवाली
है ( लाक्ा लाजपतराय ) 9१०५
-गीता पृणतया पवित्र ग्रन्थ है ( श्री बोण् जे
कीतिकर) *
६३२
२०७-गीता सत्य सुभगोंका गुच्छा हे (स्वामी
श्रीषिवेकानम्द) এ ४ १३२
२०८-गीता साधारण संगीत नहीं है (डाक्टर
पऐेनी बीसेन्ट ) न १४९५
२०६. गीता अमुल्य है (महाराजा मैसूर) १४६
५१९०-गीता क्या हे ! (श्रीयोगेन्द्नाय राय
'ज्योतिःशाख्त्री”) রি १८१
२११-संसारके धमग्रन्थ गीताके पकः अध्यायकी
प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते (श्री के० कृष्णा
भायङ्गर राव बहादुर ) `“ १८
२१२-गीता बेजोड़ अन्थ है ( शरी জও হুনও
फरक्यूहर पुम० ঘৃণ) -.. ~ १८८
पृप्रसंख्या
२१३-गीता कैसे पढ़नी चाहिये (हार्देन एषां
सेंस्पसन) ৯৯৪ ৪ २०७
२१४ - गीताका प्रभाव (श्रीमोहिनीमोहन चटर्जी ) २३२
२१७५-ईश्वरीय संगीत (जरिटिस के° दरी° तैलङ्ग) २३२
२१६-गीतामे अपच मिश्रण (दा० सेकनिकल) २३६
२१९७-गीताका सुन्दर सन्देश (डा० लीश्रोनेल
डी० बरनेट) २३८
२१८-गीतामें ज्ञानरूपी जल भरा है ল্যান
. जोम्सटन) २५१
२१६-सर्वत्तिम धर्मग्रन्थ (रिचार्ड गार्वे) २५५८
गीता उत्कृष्ट दाशनिक काव्य हं
(भोभरङ्गाचाय) २७६
२२१-गीतामें उत्कृष्ट त्याग (जस्टिस पी ० आर०
सुन्दरम् श्रथ्यर) २८४
२२५२५-गीता मार्गदशंक है (शऔीटी० सी० केशवालु
पिल्ने बी० ए०, दी० पल) ** ४२८६
२२३-गीतामें अबतारवाद (रेवरेण्ड दै, डी प्राइस) २६१
२२४-गीताके अनुवाद बिना अंग्रेजी साहित्य
अपण रहेगा (सर एडविन श्रारनाल्द)
२२५०-भक्ति ही राज़विद्या और राजगुदा हैं
(लौकमान्य तिक्क महाराज) ५
२५६-गीताका प्रकाश अनन्त काल तक रहेगा
(बाबू द्विजेन्द्रनाथ ठाकुर) ` ३३०
२२७-दिव्य-सन्दैशका दतिहःस ( डा० श्रीमुब्रक्लए्य
अय्यर, के० सी० आई० ई०, एल एल ° डो०)३३०
२२५८-गीतासे मैं शोकमें भी मुसकुराने लगता
हू (महात्मा गाँधी) ३३२५
२२६-सर्वोत्किप्ट तत्त्व (श्री री भवौ ° शेषगिरि चस्यर) २३६
२३० -गीताका सन्देश (साधु री° एर० वस्वानी) १४३
२३१-गीता भारतीय साहिन्यका सर्वोत्छ्ृष्ट
रत है (जस्टिस सर जान डडरफ) २३४५
२द२-रहस्यप्णा ग्रन्थ है (राषरं पडरिक हाल) २५९१
२४३-गीताकी शरण (श्रीअ्रविन्द घोष) ३५२
२३४-गीता क्या है ? (मिकछ् श्रीअखण्ढानन्दजी) ३६१
२३५-गीतोपदेशक भगवानकी भक्ति कर्व्च्य हैं
(मती सरोजिनी नायडू)
२३६-गीता गीता गाय ( राजिया )
२३७३-गीता अमरफलछ है. (लोकमान्म तिक
महाराज) न म
६२
१३
२६२
३६६
299
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