कल्याण | Kalayan

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Kalayan by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(৩) पृष्ठसंख्या ४-गीत्मीवानका विभति विस्तार পু “विमलः सीनियर पूढ- ৮২২ , प्रधान 'सनातनघर्म सभा! दिल्ली ४५३ त्रिभुवन-मोहन ( श्रीअकिखन ) ४५४ ८ पर (श्रीजैलबिद्दरीजी दीक्षित'.कण्टक')५०२ ९ ६६दुनिग्रह-मन ( श्रीभगव्तीप्रसादजी त्रिपाटी एस० ए०, एस एल ० बी ० ) ५०२ १६७ -अनन्त-कामना ( श्री्रवन्तविष्टारीजी माथुर ৪ झवन्त' ५०२ श्रीमद्धगवद्रीताकीं आरती ( श्रीदामोद्र- सहायसि्जी एल. टी. कविकिकर) टाइटलका चौथा पृष्ठ संग्रहीत १६६-सब धर्मोक्री मात्तभमि (मदात्मा सानेरवरजी महाराज) ह ই २००-गीता अद्विनीय श्रन्थ है (महातमा थारो) ८६ ५०१-मन्ुष्य जातिके उज्ज्वल भविष्यका निर्माता {एफ दी° जक्स ) ^ এ হই २०२-गीताका अहिनीय उपदैश (वारेन देस्टिग्स) १०८ ५०३-गीता के भाधार वेद और उपनिषद्‌ हैं (बहन नित्रेदिता) १२५ ५०४-गीतामें सर्वोत्तम भक्तियाद (बाबू बंकिमचन्त चद्दोपाध्याय) । १२३ २०५-गीता सन्देह-राक्षसकों सदा मारनेवाली है ( लाक्ा लाजपतराय ) 9१०५ -गीता पृणतया पवित्र ग्रन्थ है ( श्री बोण् जे कीतिकर) * ६३२ २०७-गीता सत्य सुभगोंका गुच्छा हे (स्वामी श्रीषिवेकानम्द) এ ४ १३२ २०८-गीता साधारण संगीत नहीं है (डाक्टर पऐेनी बीसेन्ट ) न १४९५ २०६. गीता अमुल्य है (महाराजा मैसूर) १४६ ५१९०-गीता क्या हे ! (श्रीयोगेन्द्नाय राय 'ज्योतिःशाख्त्री”) রি १८१ २११-संसारके धमग्रन्थ गीताके पकः अध्यायकी प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते (श्री के० कृष्णा भायङ्गर राव बहादुर ) `“ १८ २१२-गीता बेजोड़ अन्थ है ( शरी জও হুনও फरक्यूहर पुम० ঘৃণ) -.. ~ १८८ पृप्रसंख्या २१३-गीता कैसे पढ़नी चाहिये (हार्देन एषां सेंस्पसन) ৯৯৪ ৪ २०७ २१४ - गीताका प्रभाव (श्रीमोहिनीमोहन चटर्जी ) २३२ २१७५-ईश्वरीय संगीत (जरिटिस के° दरी° तैलङ्ग) २३२ २१६-गीतामे अपच मिश्रण (दा० सेकनिकल) २३६ २१९७-गीताका सुन्दर सन्देश (डा० लीश्रोनेल डी० बरनेट) २३८ २१८-गीतामें ज्ञानरूपी जल भरा है ল্যান . जोम्सटन) २५१ २१६-सर्वत्तिम धर्मग्रन्थ (रिचार्ड गार्वे) २५५८ गीता उत्कृष्ट दाशनिक काव्य हं (भोभरङ्गाचाय) २७६ २२१-गीतामें उत्कृष्ट त्याग (जस्टिस पी ० आर० सुन्दरम्‌ श्रथ्यर) २८४ २२५२५-गीता मार्गदशंक है (शऔीटी० सी० केशवालु पिल्ने बी० ए०, दी० पल) ** ४२८६ २२३-गीतामें अबतारवाद (रेवरेण्ड दै, डी प्राइस) २६१ २२४-गीताके अनुवाद बिना अंग्रेजी साहित्य अपण रहेगा (सर एडविन श्रारनाल्द) २२५०-भक्ति ही राज़विद्या और राजगुदा हैं (लौकमान्य तिक्क महाराज) ५ २५६-गीताका प्रकाश अनन्त काल तक रहेगा (बाबू द्विजेन्द्रनाथ ठाकुर) ` ३३० २२७-दिव्य-सन्दैशका दतिहःस ( डा० श्रीमुब्रक्लए्य अय्यर, के० सी० आई० ई०, एल एल ° डो०)३३० २२५८-गीतासे मैं शोकमें भी मुसकुराने लगता हू (महात्मा गाँधी) ३३२५ २२६-सर्वोत्किप्ट तत्त्व (श्री री भवौ ° शेषगिरि चस्यर) २३६ २३० -गीताका सन्देश (साधु री° एर० वस्वानी) १४३ २३१-गीता भारतीय साहिन्यका सर्वोत्छ्ृष्ट रत है (जस्टिस सर जान डडरफ) २३४५ २द२-रहस्यप्‌णा ग्रन्थ है (राषरं पडरिक हाल) २५९१ २४३-गीताकी शरण (श्रीअ्रविन्द घोष) ३५२ २३४-गीता क्‍या है ? (मिकछ् श्रीअखण्ढानन्दजी) ३६१ २३५-गीतोपदेशक भगवानकी भक्ति कर्व्च्य हैं (मती सरोजिनी नायडू) २३६-गीता गीता गाय ( राजिया ) २३७३-गीता अमरफलछ है. (लोकमान्म तिक महाराज) न म ६२ १३ २६२ ३६६ 299




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